लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान की गई टिप्पणी पर सांसद सुब्रत पाठक ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मंच पर अखिलेश यादव की मौजूदगी में मुझे मारने की धमकी दी गई। जाति विशेष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई। ऐसे में निर्वाचन आयोग इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं अखिलेश यादव उनकी हत्या कराना चाहते हैं।
ऐसे में मुझे कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव की ही होगी। कार्यालय में बुधवार को मीडिया से रूबरू सांसद ने कहा कि डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने पर अखिलेश यादव उनसे खुन्नस रखते हैं। वर्ष 2014 में जब वह भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे तो सपा के लोग धमका दे रहे थे। प्रलोभन दिया गया था फिर भी वह मैदान से नहीं हटे। तब झूठे मामलों में मुझ पर गंभीर मुकदमे दर्ज किए गए।
पुलिस ने घर पर छापा भी मारा। जेल भी भेजा गया। इसके बाद वर्ष 2019 में डिंपल को चुनाव में हरा दिया। इससे उनकी खुन्नस और बढ़ गई है। इस बार भी अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो दबाव बनाने के लिए मुझे धमकी दी जा रही है। सपा कार्यालय में उनकी मौजूदगी में मंच से मुझे गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई और वे ताली बजाते रहे। उन्होंने कहा कि मंच से एक दलित बिरादरी के खिलाफ टिप्पणी की गई।
यह सब अखिलेश के ही इशारे पर हुआ है। इस दौरान मौजूद भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेश दिवाकर ने भी कहा कि सपा के मंच से की गई टिप्पणी से दलित समाज आहत है। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि ओमकार शाक्य, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु ठाकुर, शरद मिश्र आदि मौजूद रहे।
सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि खुद अखिलेश यादव ने मंच से उनके बारे में अनर्गल व्यक्तिगत टिप्पणी की है। जो बातें उन्होंने कहीं हैं, उसे वह साबित करें। नहीं तो वह उनके खिलाफ मानहानी का मुकदमा कराएंगे। मंच पर उनके सामने धनबल की बात कही गई। आशंका है कि वह चुनाव में काला धन का प्रयोग करेंगे। सांसद ने कहा कि सपा के लोग बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि मैंने पुलिस की पिटाई की। यह सरासर गलत है। जिन लोगों ने यह आरोप लगाया है वह बच्चों की कसम खाएं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।