एक वक़्त था जब कोरोना महामारी के समय ये कंपनियां सफलता के झंडे गाड़ रही थीं. सिलिकॉन वैली की कई कंपनियां नए लोगों को काम पर रख रही थीं. उन्होंने अपनी तरक़्क़ी के लिए नई योजनाओं पर काम शुरू कर दिया था, इस उम्मीद से कि हवा का रुख़ उनके पक्ष में ही बहता रहेगा.
पिछले दिनों फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सऐप की मालिक कंपनी मेटा के प्रेसिडेंट और सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने कंपनी के 11 हज़ार कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के फ़ैसले को वाजिब ठहराते हुए कहा, “मैं ग़लत था और मैं इसकी ज़िम्मेदारी लेता हूं.”
ये 11 हज़ार कर्मचारी मेटा के 13 फ़ीसदी वर्कफ़ोर्स के बराबर हैं. टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियों के पिछले महीने आए वित्तीय नतीजों से ये साफ़ हो गया था कि चीज़ें उस तरह से नहीं हो पाई हैं जैसी उम्मीद की जा रही थी.
साल 2021 में मेटा जब अपने पीक पर थी जो उसका बाज़ार मूल्य एक ट्रिलियन डॉलर था, लेकिन उसके बाद से कंपनी की क़ीमत में सैकड़ों अरब डॉलर की गिरावट हो चुकी है.