चंडीगढ़. खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के पीछे देश भर की पुलिस पड़ी है, लेकिन वह अभी तक पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा है। 19 मार्च की रात को जब वह नौ बजकर 40 मिनट पर पपलप्रीत के साथ सिद्धार्थ कॉलोनी में बलजीत कौर के निर्माणाधीन घर पर सफेद रंग की स्कूटी से पहुंचा तो यहां भी उसे रात भर पुलिस द्वारा पकड़े जाने का खतरा सताता रहा।
इसी के चलते उसने घर के पीछे के दरवाजे खुलवा लिए थे ताकि पुलिस का छापा पड़ने पर वह फरार हो सके। यहां आने पर वह करीब ढाई घंटे तक पहचाना ही नहीं जा सका। मास्क के साथ-साथ चश्मा भी पहने हुए था तो सिर पर परना बांधा था। बलजीत कौर व उसके भाई हरजिंद्र के कहने पर जब ढाई घंटे बाद उसने मास्क व चश्मा उतारा तो खुद ही बताया कि वह अमृतपाल है।
इसके बाद उसने अपनी जेब से कोई हथियार निकाला और अपने नीचे दबा लिया। वे समझ नहीं पाए कि कौन सा हथियार है, लेकिन अगले ही पल दोनों भाई बहन के मोबाइल ले लिए और बंद कर वापस दे दिए, चेतावनी के अंदाज में कहा कि वे किसी से भी बात न करें।
बलजीत कौर के भाई हरजिंद्र कौर, ग्रामीण जसबीर सिंह सहित अन्य लोग एसपी एसएस भौरिया से मिले और उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि अमृतपाल अचानक उनके घर आया, लेकिन उन्होंने उसके बारे में जानकारी देकर पुलिस का सहयोग किया। इसके बाद उन्हें क्या मिला। बहन बलजीत कौर को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जबकि उनका कोई कुसूर नहीं है।
अब वे अमृतपाल समर्थकों के निशाने पर आ गए हैं और जान का खतरा बन चुका है। इस पर एसपी ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिया तो वहीं जालंधर एसपी से बातचीत कर बलजीत कौर से उनकी बात कराई।
वीरवार को शाहाबाद की सिद्धार्थ कॉलोनी से जाते हुए सीसीटीवी फुटेज में अमृतपाल जाते हुए दिखाई दिया तो शुक्रवार को शाहाबाद बस अड्डे के पास की सीसीटीवी फुटेज सामने आई। इसमें वह पैदल जाते हुए छतरी लिए है। पहले प्राइवेट बस आती है, लेकिन अगले ही पल आई सरकारी बस में वह सवार होता है। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि यही अमृतपाल है, इसके बाद पुलिस दिन भर आसपास के अन्य सीसीटीवी भी खंगालती रही। अब उस बस की भी तलाश की जा रही है।
एसपी एसएस भौरिया ने कहा कि उनकी ओर से पंजाब पुलिस को हर संभव सहयोग किया जा रहा है। पूरा मामला वहीं की पुलिस देख रही है और एक टीम यहीं पर रुकी है, जो अपने स्तर पर जांच में लगी है। उन्होंने बताया कि अमृतपाल के संबंध में सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और उचित इनाम भी विभाग देगा।
अमृतपाल सिंह और उसका साथी पपलप्रीत सिंह जिस रेहड़े पर अपनी बाइक रख कर फरार हुए थे, उसके मालिक लखवीर सिंह ने वीरवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जब वह शनिवार को अपने गांव उदोवाल से निकला, तो आगे सड़क पर दो युवक खड़े थे। उन्होंने कहा कि उनकी बाइक पंक्चर हो गई है।
उन्हें दुकान तक पहुंचा दें। मैंने देखा कि एक टायर पंक्चर है। उन्होंने पूछा कि कहां जा रहे हो। मैंने कहा कि मेहतपुर जा रहा हूं। इस पर अमृतपाल सिंह ने कहा कि उन्हें भी उसी तरफ ले चलें। उन्होंने बाइक रेहड़े पर रखी और करीब पांच किलोमीटर तक उनको ले गया।
महतपुर शुरू होने से पहले उसने दोनों को उतार दिया। लखवीर ने कहा कि मैंने बाइक उतारकर पैसे मांगे तो उन्होंने सौ रुपये दिए। लखवीर ने कहा कि मैं उन्हें पहचान नहीं पाया, मैं फोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करता। बाद में पता चला कि मेरी वीडियो वायरल हो गई है। पुलिस ने मुझे बुलाया तो मैंने सारी बात बता दी। लखवीर ने कहा कि मुझे यह भी याद नहीं उसने किस रंग के कपड़े पहने थे।