नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 5 साल का बैन लगाए जाने के बाद संगठन को भंग कर दिया गया है. पीएफआई के केरल राज्य महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा कि सरकार द्वारा अवैध करार दिए जाने के मद्देनजर संगठन को भंग कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सभी सदस्यों और जनता को सूचित किया जाता है कि पीएफआई को भंग कर दिया गया है.
इसके साथ ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के केरल राज्य महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा कि संगठन सरकार के फैसले को स्वीकर करता है. अब्दुल सत्तार ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘हमारे महान देश के कानून का पालन करने वाले नागरिकों के रूप में संगठन गृह मंत्रालय के निर्णय को स्वीकार करता है.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने सभी सदस्यों से अपनी गतिविधियां बंद करने का अनुरोध किया है.
फेसबुक पर अपना बयान पोस्ट करने के कुछ घंटे बाद ही अब्दुल सत्तार को केरल के कोल्लम जिले के करुणागपल्ली से पकड़ लिया गया. हालांकि, पुलिस ने सत्तार को पकड़ने को लेकर कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सत्तार का केरल में बेहद प्रभाव है और उनके बयान से अशांति फैल सकती है, इसलिए उन्हें फिलहाल हिरासत में लिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है. गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उससे जुड़े 8 सहयोगी संगटनों को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार यूएपीए की धारा) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीएफआई और उसके सहयोगियों या सहयोगियों या मोर्चो को गैरकानूनी संघ घोषित करती है.
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय के अलावा दूसरी एजेंसियों ने 22 सितंबर को 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ सबूत मिले थे. इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों ने 9 राज्यों में भी पीएफआई के ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड डाली. पहले राउंड की छापेमारी में 106 और दूसरे राउंड की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े लोग 247 गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. बताया जा रहा है कि छापेमारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने पीएफआई