बागपत। पत्नी व दो बेटियों की आत्महत्या के बाद एक ग्रामीण ने बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर अफसरों से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। उनका आरोप है कि केस के मुख्य आरोपित दारोगा को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। केस में समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसा न करने पर मुकदमें में फंसाया जा सकता है। साजिश के तहत पूर्व में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा चुका है।
बाछौड़ निवासी प्रिंस और एक युवती गत तीन मई को अपने-अपने घर से चले गए थे। एक व्यक्ति ने प्रिंस पर बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। छपरौली थाना पुलिस ने 24 मई को प्रिंस के घर दबिश दी थी। पुलिस के साथ युवती के स्वजन व अन्य लोग भी थे। तब प्रिंस की माता गीता, बहन स्वाति व प्रीति ने जहर निगल लिया था। तीनों की मेरठ के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
प्रिंस के पिता महक सिंह ने आरोपित दारोगा नरेशपाल, अमित उर्फ छंगा, लोकेंद्र, राजीव, शक्ति व एक नाबालिग के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, गाली-गलौज, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस दारोगा नरेशपाल को छोड़कर अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। बुधवार को महक सिंह ने कलक्ट्रेट पहुंचकर अफसरों से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी। केस की विवेचना क्राइम ब्रांच कर रही है। पुलिस अफसर उनको विवेचना के आधार पर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दे चुकी है।