यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे प्रशांत राजपूत अपने घर पर आ गए हैं। यूक्रेन में उनका अपने स्वजन से संपर्क भी टूटा था। प्रशांत ने कहा कि रोमानिया की सीमा पार करने में उन्हें 40 घंटे लगे। महानगर के विनय नगर कॉलोनी निवासी व पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल सूरजपाल सिंह के बेटे प्रशांत राजपूत ने बताया कि वह कीव से थोड़ी दूर स्थित मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र हैं, परीक्षा होने वाली थी। रूस ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई शुरू की, तब वहां सायरन बजने लगे। इसी बीच भारतीय दूतावास से एडवाइजरी जारी की गई कि छात्र कीव छोड़ दें।
इसके बाद उन्होंने 28 फरवरी को शहर छोड़ दिया। अपने साथियों के साथ एक मार्च को रोमानिया सीमा पर पहुंच गए। तीन मार्च तक वह रोमानिया के शिविर में रहे। उन्होंने कहा कि वहां पर खाने-पीने का इंतजाम था। भरपूर मात्रा में पानी था। वह खुद 15 लीटर पानी का केन छोड़कर आए थे।
प्रशांत ने कहा कि यूक्रेन की जनता और सेना का रवैया अमानवीय था। उन्होंने कहा कि इस विपदा की घड़ी में भारत सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है। उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। प्रशांत के फुफेरे भाई सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जेपी राजपूत ने कहा कि प्रशांत राजपूत के आने से घर-परिवार में खुशी का माहौल है।