30 साल पहले दूरदर्शन पर प्रसारित सीरियल ‘महाभारत’ काफी लोकप्रिय रहा। इसके देखने के लिए घर, चौराहों, गली और नुक्कड़ पर भीड़ इकट्ठा हो जाया करती थी। पिछले साल लॉकडाउन में भी इस शो को दर्शकों से काफी प्यार मिला। हालांकि आज महाभारत के सुर्खियों में आने का कारण इसके किरदार हैं।
‘महाभारत’ को याद करते ही सबसे पहले जो नाम जहन में आता है, वह है ‘गदाधारी भीम’ का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती। प्रवीण ने अपने बमदार किरदार से न केवल अभिनय की दुनिया में परचम लहराया, बल्कि खेल के मैदान में भी कामयाबी हासिल की। लेकिन अब इस अभिनेता के माली हालत ठीक नहीं है। मुश्किल से गुजारा करने वाले प्रवीण ने जीवन यापन के लिए पेंशन की गुहार लगाई है।
अभिनेता ने अपनी शिकायत में कहा कि पंजाब में सरकार बनाने वाली सभी सरकारों से मुझे शिकायत है। जितने भी खिलाड़ी एशियन गेम्स खेलते हैं या मेडल जीतते हैं, उन्हें पेंशन दी जाती है। हालांकि इस अधिकार से मुझे वंचित रखा गया। बता दें कि प्रवीण सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी हैं। वे अकेले ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था
अमृतसर के सरहली नामक गांव में रहने वाले प्रवीण कुमार सोबती का जन्म 6 सितंबर 1946 में हुआ था। एक इंटरव्यू में प्रवीण ने बताया था कि बचपन से ही मां के हाथ से दूध, दही और देसी घी खाने की वजह से मेरा शरीर काफी भारी-भरकम हो गया था। मेरी बॉडी देख स्कूल में सब चकित रह गए थे। हेडमास्टर ने मेरे शरीर को देखते हुए मुझे गेम्स खिलाना शुरू किया। धीरे-धीरे मैं हर प्रतियोगिता जीतने लगा। ऐसे करते-करते वर्ष 1966 में कॉमनवेल्थ गेम्स खेलने का मौका मिला। जमैका के किंगस्टन में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में मैंने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। साल 1966 और 1970 में बैंकॉक में आयोजित एशियन गेम्स में दोनों बार गोल्ड मेडल जीतकर लौटा। 56.76 मीटर दूरी पर डिस्कस फेंकने में मेरा एशियन गेम्स का रिकॉर्ड था। इसके बाद अगली एशियन गेम्स 1974 में ईरान के तेहरान में हुईं, यहां सिल्वर मेडल मिला। करियर एकदम परफेक्ट चल रहा था, फिर अचानक पीठ में दर्द की शिकायत रहने लगा।
खेल में मेरे प्रदर्शन और मेरे शरीर को देखते हुए मुझे बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट के पद पर नौकरी भी मिल गई। एशियन गेम्स और ओलंपिक्स से इतना नाम हो गया था कि 1986 में एक दिन मैसेज आया कि बीआर चोपड़ा महाभारत बना रहे हैं और वो भीम के किरदार मुझसे मिलना चाहते हैं। अभिनय में पहले कभी किस्मत नहीं आजमाई थी। लेकिन किरदार के बारे में जानने के बाद मैं भी उनसे मिलने पहुंच गया। उन्होंने मुझे देखते ही बोला, भीम मिल गया। यहीं से मेरे अभिनय करियर की शुरुआत हुई। 50 से ज्यादा फिल्मों के अलावा पॉपुलर टीवी सीरीज चाचा चौधरी में साबू का रोल निभाया।
प्रवीण कुमार बताते हैं कि 76 साल की उम्र में जीवन यापन करने के लिए पैसों का जुगाड़ कर रहा हूं। तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से काफी समय से घर पर हूं। स्पाइनल प्रॉब्लम की वजह से कोई काम नहीं कर पाता हूं। एक दौर वो था जब भीम को सब जानते थे और एक दौर ये है जब अपने भी पराय हो गए हैं। बता दें कि प्रवीण के साथ उनकी पत्नी वीना रहती हैं, जो उनकी देखभाल करती हैं। वहीं उनकी बेटी की मुंबई में शादी हो चुकी है।