प्रयागराज. माफिया अतीक अहमद के वकील रहे खान सौलत हनीफ के बयान से उमेश पाल हत्याकांड में माफिया के चौथे बेटे की एंट्री भी होते दिख रही है। सौलत ने बयान दिया है कि अतीक, अशरफ असद और वह बातचीत के लिए जिस फेसटाइम आईडी का इस्तेमाल करते थे उनमें से एक अतीक के नाबालिग बेटे अहजम की थी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस आईडी से वह ही बात करता था लेकिन इस संबंध में जांच पड़ताल की जा रही है।
सौलत को तीन अप्रैल को पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया था। इस दौरान उसके घर से तीन फोन बरामद किए गए। इनमें से एक आईफोन था जो उसे असद ने दिया था। इस आईफोन के फेसटाइम एप के जरिए ही वह असद, शाइस्ता, अतीक व अशरफ से बातें किया करता था।
सूत्रों का कहना है कि आईफोन की जांच में उन फेसटाइम आईडी का पता चला, जिन पर लगातार सौलत की बात होती थी। इनमें से [email protected] अतीक, [email protected] अशरफ, [email protected] आईडी सौलत की है। इसके साथ ही [email protected] आईडी का भी पता चला।
खास बात यह कि यह फेसटाइम आईडी अतीक के चौथे नंबर के नाबालिग बेटे अहजम की है। सौलत ने पुलिस को बयान दिया है कि इन्हीं चारों आईडी से वह आपस में बातें करते थे। अब सवाल यह है कि अहजम की फेसटाइम आईडी का इस्तेमाल कौन करता था। फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर एक अफसर का कहना है कि जांच पड़ताल चल रही है।
अतीक के दो नाबालिग बेटे अहजम और अबान अभी राजरूपपुर स्थित बालगृह में रखे गए हैं। धूमनगंज पुलिस की ओर से कोर्ट में जो रिपोर्ट दी गई है, उसके मुताबिक दोनों चकिया में लावारिस हाल में घूमते मिले थे, जिसके बाद उन्हें बालगृह में आवासित कराया गया है। इनमें से अहजम 17.5 साल का है जबकि अबान की उम्र 15 साल है।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ पर विभिन्न अदालतों में चल रहे मुकदमे अब बंद किए जाएंगे। मुकदमों के विवेचकों की ओर से कोर्ट में दोनों की मृत्यु रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद अदालत इस पर मुहर लगाएगी। शुक्रवार को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने अतीक के खिलाफ देवरिया जेल में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को पीटने के मामले को बंद करके इसकी शुरुआत कर दी है।
माफिया अतीक अहमद पर कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं। उसके छोटे भाई अशरफ भी 54 मुकदमों में आरोपी था। इनमें से कुछ मामलों में अंतिम रिपोर्ट लग चुकी है, लेकिन कई मामलों में अब भी विवेचना जारी है। बताते हैं कि 50 से अधिक मामले कोर्ट में भी विचाराधीन हैं। 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में अतीक-अशरफ की हत्या कर दिए जाने के बाद अब इन मुकदमों के चलाए जाने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
हालांकि, यह तभी संभव होगा, जबकि कोर्ट को इसकी औपचारिक सूचना दी जाएगी कि अतीक-अशरफ अब जीवित नहीं हैं। मामलों के विवेचकों की रिपोर्ट के बाद कोर्ट माफिया भाइयों के विरुद्ध फाइल बंद करने के फैसले पर मुहर लगाएगा। हालांकि, जिन मुकदमों में अतीक-अशरफ के सिवाय अन्य लोग भी आरोपी हैं, उनके विरुद्ध मामले चलते रहेंगे।
लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल ले जाकर पिटाई करने और 45 करोड़ की संपत्ति के कागज पर जबरन हस्ताक्षर कराने के मामले से माफिया का नाम हटाते हुए कहा था कि यह सर्वविदित है कि अतीक की हत्या हो चुकी है। इसमें और औपचारिकताओं की कोई आवश्यकता नहीं।