प्रयागराज. उमेश पाल हत्याकांड में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। माफिया के करीबी खान सौलत हनीफ ने पूछताछ में एक और सनसनीखेज खुलासा किया है। अब यह बात सामने आई है कि उमेश की ओर से गालियां देने और शाइस्ता पर कमेंट किए जाने की बात सुनने के बाद बौखलाकर अतीक ने उसकी हत्या की पटकथा लिखी थी।
सूत्रों के मुताबिक, सौलत से पूछताछ में पुलिस को बेहद अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। पता चला है कि उमेश अतीक अहमद के बारे में सार्वजनिक रूप से कई बार भला-बुरा कह चुका था। यह बात कई बार अतीक के कानों तक पहुंची भी थी। इस पर उसने अपने गुर्गों के माध्यम से उमेश तक मैसेज भी पहुंचाया था कि वह संभल जाए।
कुछ दिनों बाद अतीक को पता चला कि उमेश ने शाइस्ता परवीन के बारे में भी कमेंट किया था। इतना सुनने के बाद वह बौखला गया और इसके बाद ही उसने उमेश पाल हत्याकांड की पटकथा लिखी। साबरमती जेल से अपने भाई बरेली जेल में बंद अशरफ से फेसटाइम एप से बातचीत की और कहा कि उमेश को खत्म करना है। उसने उसे पूरी बात भी बताई।
इसके बाद अशरफ ने असद के जरिए गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरमान व सदाकत को बरेली जेल बुलाया और साजिश रची। सूत्रों का कहना है कि प्लानिंग के तहत असद को वारदात के दौरान कार से बाहर नहीं निकलना था, लेकिन वह उमेश से खुन्नस रखने लगा था। यही वजह थी कि वारदात के वक्त वह अपना आपा खो बैठा और उसने कार से बाहर उतरकर उमेश पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
इससे पहले, माफिया अतीक अहमद के वकील रहे खान सौलत हनीफ ने खुलासा किया था कि अतीक, अशरफ, असद और वह बातचीत के लिए जिस फेसटाइम आईडी का इस्तेमाल करते थे उनमें से एक अतीक के नाबालिग बेटे अहजम की थी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस आईडी से वह ही बात करता था लेकिन इस संबंध में जांच पड़ताल की जा रही है।
सौलत को तीन अप्रैल को पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया था। इस दौरान उसके घर से तीन फोन बरामद किए गए। इनमें से एक आईफोन था जो उसे असद ने दिया था। इस आईफोन के फेसटाइम एप के जरिए ही वह असद, शाइस्ता, अतीक व अशरफ से बातें किया करता था।
सूत्रों का कहना है कि आईफोन की जांच में उन फेसटाइम आईडी का पता चला, जिन पर लगातार सौलत की बात होती थी। इनमें से [email protected] अतीक, [email protected] अशरफ, [email protected] आईडी सौलत की है। इसके साथ ही [email protected] आईडी का भी पता चला।
खास बात यह कि यह फेसटाइम आईडी अतीक के चौथे नंबर के नाबालिग बेटे अहजम की है। सौलत ने पुलिस को बयान दिया है कि इन्हीं चारों आईडी से वह आपस में बातें करते थे। अब सवाल यह है कि अहजम की फेसटाइम आईडी का इस्तेमाल कौन करता था। फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर एक अफसर का कहना है कि जांच पड़ताल चल रही है।
पुलिस अभिरक्षा में अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग सोमवार को फिर प्रयागराज आ सकता है। दरअसल, इस मामले में अभी घटना के वक्त मौके पर मौजूद रहे पुलिसकर्मियों व अन्य लोगों के बयान दर्ज होने हैं। साथ ही फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट के अवलोकन समेत अन्य कार्रवाई की जानी है।
पांच मई को रिटायर चीफ जस्टिस डीबी भोसले की अध्यक्षता में आए पांच सदस्यीय आयोग ने कॉल्विन अस्पताल पहुंचकर मौके का मुआयना किया था। वहीं, अगले दिन धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य के बयान दर्ज करने के साथ ही पांच घंटे तक बैठक कर घटना की बिंदुवार जानकारी ली थी। बैठक में पुलिस विभाग के सभी आला अफसर मौजूद रहे थे।