मेरठ। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्यों की धरपकड़ के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने देशभर में अभियान चलाया। इसी क्रम में गुरुवार सुबह एटीएस की टीम देहली गेट पहुंची और एक घर में दबिश दी। टीम जिसकी तलाश में आई थी, वह नहीं मिला, लेकिन टीम ने उसके तीन रिश्तेदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
टेरर फंडिंग के मामले में बुधवार देर रात से ही पीएफआइ के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, एटीएस की एक टीम देहली गेट थाने पहुंची। एटीएस को मुजफ्फरनगर निवासी मुनीर नाम के व्यक्ति की तलाश थी। घंटाघर के पास उसकी लोकेशन मिली थी। थाना पुलिस के साथ टीम ने एक घर पर दबिश दी। मुनीर नहीं मिला, लेकिन टीम ने उसके तीन रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया। सभी को थाने ले जाकर पूछताछ की गई। इसके बाद टीम लौट गई। पुलिस ने उनके नाम-पते, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी लिखकर सभी को छोड़ दिया।
सुबह चार बजे जब एटीएस ने दबिश दी, तब परिवार वाले सो रहे थे। टीम ने दरवाजा खुलवाया और कार्रवाई के बारे में बताया। आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी। सूत्रों का कहना है कि टीम की कार्रवाई से कुछ देर पहले ही मुनीर वहां से निकल गया था।
एक चर्चा यह है कि मुनीर बीमार है। वह अपना इलाज कराने जिला अस्पताल आया था। इसके चलते ही वह रिश्तेदारी में रह रहा था। वहीं, दूसरी चर्चा यह है कि मुनीर की पत्नी बीमार है। उसके इलाज के लिए ही वह पत्नी के साथ आया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि एटीएस की टीम ने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा है।
एटीएस को सटीक जानकारी थी कि मुनीर कहां रह रहा है इसलिए टीम पहले थाने पहुंची और फिर सीधे उसी घर में दबिश दी, जहां वह ठहरा था। आसपास के एक-दो घर भी पुलिस ने खंगाले, पर वह कहीं नहीं मिला। वहीं, टीम के जाने के बाद जब लोगों को दबिश का पता चला तो दिनभर चर्चा होती रही।