सोनीपत। साइबर ठग लोगों की मेहनत की कमाई को ठगने के नए-नए तरीके प्रयोग कर रहे हैं। अब एप बनाकर ठगी करने के मामले सामने आए हैं। प्रदेश में एक सप्ताह में एप से ठगी करने 340 मामले पंजीकृत हो चुके हैं। आरोपित सस्ता व त्वरित लोन देने के बहाने से उपभोक्ताओं को झांसे में लेते हैं और एप डाउनलोड कराकर उनकी मेहनत की कमाई साफ कर देते हैं। इसके साथ ही लोन की किस्त जमा कराने और लोन लेने का प्रयास करने वालों के मोबाइल से डाटा चोरी करने के मामले भी सामने आए हैं। साइबर सेल ने ऐसे 137 मोबाइल एप की सूची जारी की है, जिनका प्रयोग ठगी में किया जा रहा है। ये एप रिजर्व बैंक द्वारा भी फेक की सूची में डाले गए हैं।
कई तरह से बनाते हैं ठगी का शिकार
साइबर ठग लोगों को सस्ती दरों पर मिनटों में लाखों रुपये का ऋण देने का झांसा देते हैं। इसके सहारे वह लोगों से कई जरूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं और उनकी मेहनत की कमाई साफ कर डालते हैं। कई बार एप के सहारे ही लोगों के मोबाइल को हैक करके उनके साथ ठगी कर ली जाती है। कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जब लोगों को छोटी धनराशि का कर्ज दे दिया जाता है। उसके बाद किस्त जमा कराने के बहाने से उनका खाता खाली कर डालते हैं। लोन के नाम पर जारी एप के सहारे व्यक्ति के मोबाइल का डाटा चोरी किया जा रहा है। उसके आधार पर अन्य लोगों से संपर्क कर उनको ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
चलेगा जागरूकता अभियान
मोबाइल पर सस्ती दरों पर मिनटों में लोन देने का झांसा देने वाले एप के सहारे ठगी के 17 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं प्रदेश में एक सप्ताह में ऐसे 340 मामले पंजीकृत किए गए हैं। साइबर सेल ने ऐसे 137 मोबाइप एप की सूची लोगों के लिए जारी की है। इनमें कई एप का संचालन विदेशों से किया जा रहा है, जिन पर पुलिस कार्रवाई आसान नहीं है। लोगों से संपर्क के लिए जगह-जगह काल सेंटर खोलकर युवाओं को बैठाया गया है। ऐसे में ठगी से बचने का सबसे आसान तरीका जागरूकता ही है। साइबर सेल ने जागरूकता अभियान चलाने की कार्ययोजना तैयार कर ली है।
मिलते जुलते नाम वाले कुछ फर्जी एप की सूची
रुपे
रुपी
यूपीए
गोल्डमैन पेबैक
हैंडी
रुपी किंग
एमआइ रुपी
कैश एनी टाइम
रुपी स्टार
वोव रुपी
रिच
लाइव कैश
अपना पैसा
मनी मास्टर
फर्स्ट रुपी
कैश पार्क
रुपिया बस
रुपी प्लस
फारचून नाव
पाकेट बैंक
क्रेडिट वैलेट
कैश बाउल
साइबर सेल प्रभारी अधिकारी जोगेंद्र सिंह ने कहा कि जागरूक रहकर और सस्ते लालच से बचकर ही अपनी कमाई को बचाया जा सकता है। इसके लिए प्रदेशभर में स्कूल-कालेजों और बाजारों में जागरूकता गोष्टियों का आयोजन किया जाएगा। स्कूल-कालेजों से पूरे समाज को जागरूक करना संभव है। लोगों को किसी भी एप को जाने बिना प्रयोग करने से बचना चाहिए।