बदायूं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने शहर कोतवाली समेत सात थानों के प्रभारियों पर सपा कार्यकर्ताओं को परेशान करने आरोप लगाया है। कहा कि थानेदार चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं। उन्होंने सपा समर्थकों के घरों पर छापा मारा तो कई के घरों में तोड़फोड़ की। पुलिस 40 कार्यकर्ताओं को बेवजह थाने उठाकर ले गई। जब जानकारी करने के लिए कॉल की गई तो थानेदारों के सीयूजी नंबर बंद निकले। रात दो बजे एसएसपी की कॉल रिसीव हुई। सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव रविवार को जिला निर्वाचन अधिकारी/ डीएम मनोज कुमार से मिलकर यह शिकायत की।
इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जिले में पुलिस, सरकार के दबाव में काम कर रही है। यही वजह है कि शहर कोतवाली, थाना मूसाझाग, बिनावर, कुंवरगांव, रजपुरा, सहसवान, वजीरगंज के थानाध्यक्ष लगातार सपा समर्थकों के घर दबिश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का सीधा-सीधा लोगों से कहना है कि तुम बूथ पर नहीं जाओंगे। वोट नहीं डालोगे। एजेंट नहीं बनाओगे। यहां तक की मूसाझाग थाना क्षेत्र में सपा समर्थक 31 लोगाें का धारा 151 में चालान तक कर दिया गया है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पहले भी शिकायत की गई थी। दिल्ली व लखनऊ में सपा का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेगा। कोई हल न निकला तो आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। शिवपाल सिंह यादव बोले, सरकार के दबाव में यह काम हो रहा है, क्योंकि भाजपा का जनाधार खिसक चुका है। भाजपा साफ होने जा रही है। हम गड़बड़ी नहीं होंने देंगे। परेशानी जरूर होगी, थाने जाना पड़ा तो जाएंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर कहा कि आएंगे चले जाएंगे। अपने प्रदेशों में कुछ कर नहीं पा रहे। कोई सुन नहीं रहा इनकी। कहा- इनकी सब बड़ी-बड़ी बैठकें फ्लॉप हो रही हैं।
सपा महासचिव ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र भेजकर थाना प्रभारियों की शिकायत की है। दमन रोकने और चुनाव ड्यूटी से हटाने का आग्रह आयोग से किया है। शिवपाल सिंह यादव ने शिकायती पत्र में कहा है कि शनिवार रात नौ बजे मूसाझाग के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार, बिनावर के अरविंद कुमार, कुंवरगांव के राजेंद्र बहादुर सिंह, राजपुरा के अमरपाल और सहसवान के सौरभ सिंह, वजीरगंज के राकेश कुमार, कोतवाली सदर के विजेंद्र सिंह के अलावा उघैती व उझानी के थाना प्रभारियों ने सपा कार्यकर्ताओं को धमकाया है।
करीब 40 कार्यकर्ताओं को पकड़कर ले गए। पुलिस ने बीजेपी के पक्ष में काम करने का दबाव बनाया। न मानने पर शांति भंग के अंदेशे में चालान किया। दबाव बनाने के लिए पुलिस ने लाल नोटिस थमाए। एसएसपी को अवगत कराया पर समाधान नहीं हो सका।