बदायूं। शहर की बाबा कॉलोनी में दो बच्चों की हत्या के बाद मंगललार को रात भर गुस्से की आग सुलगती रही। तनावपूर्ण माहौल है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस-पीएसी और अर्ध सैनिक बल तैनात हैं। पुलिस अधिकारी लगातार हालात की अपडेट ले रहे हैं।
बुधवार सुबह 8:30 बजे दोनों बच्चों के शवों का पैनल में पोस्टमार्टम कराया गया। मोहल्ले में सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटी है। पुलिस बल तैनात है। दोनों बच्चों के घर में मातम पसरा हुआ। कई थानों की पुलिस मौके पर है।
बदायूं में दोनों भाइयों की हत्या करने वाले आरोपी साजिद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। इस दिल दहालने वाली वारदात में आरोपी साजिद के हाथों से छूटकर भागे बच्चे ने पूरी कहानी बताई है। उसने बताया कि वारदात के समय दो आरोपी जावेद और साजिद थे।
उसने बताया कि साजिद ने पहले बड़े भाई से चाय मंगवाई थी। छोटे भाई उसके साथ था। आरोपी ने पीयूष से पानी मंगवाया था। उसने बताया कि मुख्य आरोपी साजिद आयुष और अहान उर्फ हनी की दूसरी मंजिल की छत पर ले गया था।
बच्चे अक्सर उससे मिलते रहते थे। इससे दोनों बच्चे आसानी से उसके साथ घर की दूसरी मंजिल की छत पर चले गए। जब पीयूष शीशे के गिलास में पानी लेकर ऊपर पहुंचा तो वहां देखा कि साजिद उसके दोनों भाइयों पर बुरी तरह से चाकू से हमला कर रहा था।
यह मंजर देखकर उसकी चीख निकल गई। उसके हाथ से शीशे का गिलास छूटकर गिर गया। वह नीचे दौड़ा कि तभी आरोपी ने उस पर भी हमला करने की कोशिश की। इसमें पीयूष के हाथ की अंगुली भी कट गई।
उसने बताया कि वह तुरंत घर मां के साथ बाहर आ गया और दरावाजा लगा दिया। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया। हालांकि वारदात के तीन घंटे के बाद पुलिस ने मौके से करीब दो किमी दूर घेराबंदी कर आरोपी साजिद को मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर गौरव विश्नोई भी घायल हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक हत्यारोपी साजिद उनके घर से निकलकर भागा था। जब थाना पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने बताया कि हत्यारोपी खून से सना हुआ घर से बाहर निकलकर भागा हुआ है। इससे पुलिस उसके पीछे लग गई। इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई और एसओजी टीम उसे खोजती हुई शेखूपुर के जंगल में पहुंच गई।
पुलिस के मुताबिक पहले आरोपी ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिससे पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें हत्यारोपी साजिद मारा गया। तो वहीं गोली लगने से इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई को भी गोली लग गई। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालत गंभीर होने पर इंस्पेक्टर को आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।
आईजी डॉ. राकेश कुमार कहना है कि हत्यारोपी घर से निकलकर भागा था। पुलिस उसका पीछा कर रही थी। पहले उसने गोली चलाई, फिर पुलिस ने फायरिंग की। इसमें आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। घटना के तीन घंटे के भीतर आरोपी मुठभेड़ में ढेर हो गया। उसे दो गोलियां लगी हैं।
सूचना पर पहुंची पुलिस साजिद की तलाश में जुट गई। इस बीच आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। नृशंस हत्या देख उनका गुस्सा बढ़ने लगा। इधर आक्रोशित भीड़ ने साजिद की दुकान तोड़कर सामान निकाला और सड़क पर रखकर फूंक दिया। आसपास के चार दुकानों को आग के हवाले कर दिया। लोग एक समुदाय के धर्मस्थल तक पहुंच गए लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
आगजनी के बाद गुस्साए लोग पुलिस चौकी पहुंच गए। वहां घेराव कर नारेबाजी करने लगे। सूचना पर एसएसपी पहुंचे और अन्य अफसरों के साथ मिलकर उन्हें समझाया। क्षेत्र में हालात नियंत्रण के लिए भारी पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात कर दिया। बाद में खबर मिली कि साजिद को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया।