बिजनौर। इसे निर्माण में देरी कहें या कुछ और लेकिन अब फोरलेन हाईवे निर्माण में 100 करोड़ की लागत बढ़ चुकी है। हाईवे का रिवाइज एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है, मार्च तक फिर से टेंडर निकाला जा सकता है, फिलहाल तैयारी चल रही है। हालांकि रिवाइज एस्टीमेट में 11 काम भी बढ़े हैं, जिनमें पुलों की लंबाई और सर्विस रोड भी शामिल हैं।
हरिद्वार से काशीपुर तक हाईवे को 2000 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन में तब्दील किया जाना था। इस परियोजना को पूरा करने का वक्त साल 2020 तक रखा गया। हालांकि नगीना से काशीपुर तक हाईवे फोरलेन बनाते हुए टोल भी चालू कर दिया गया।
उधर, हरिद्वार से नगीना तक हाईवे अब तक अधर में लटका हुआ है। नगीना से हरिद्वार की दूरी में 71 किमी लंबा हाईवे बनना था। इस दूरी में वन क्षेत्र में पांच किलोमीटर लंबे एलिफेंट अंडर पास बाद में स्वीकृत हुए। ऐसे बाकी बची करीब 66 किमी लंबी सड़क में करीब 48 किलोमीटर तक हाईवे बना लिया गया। बाकी जगहों पर काम आधा अधूरा ही रह गया।
हाईवे निर्माण में हो रही देरी और निर्माण कंपनी की हीलाहवाली को लेकर दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें निर्माण कंपनी को तीन महीने का वक्त दिया गया था। इसके बाद भी निर्माण में तेजी नहीं आ सकी। इसके साथ ही हाईवे प्राधिकरण ने अब तक हुए निर्माण और बाकी रह गए काम का मूल्यांकन शुरू कर दिया था। मूल्यांकन करते हुए रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया गया। सूत्रों की मानें तो नगीना से हरिद्वार के बीच 503 करोड़ रुपये का काम पूरा हो चुका है। पुराने टेंडर के हिसाब से 280 करोड़ रुपये का काम अधूरा पड़ा है। रिवाइज एस्टीमेट तैयार हुआ तो यह लागत अब बढ़कर करीब 380 करोड़ रुपये हो गई है। बता दें कि इसमें निर्माण सामग्री के महंगे हो जाने की लागत को भी जोड़ा गया है।
रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया गया तो समय के साथ बढ़ी जरुरतों को ध्यान में रखते हुए 11 नए काम भी शामिल किए गए हैं। इनमें एक नया काम गैंडीखाता में सर्विस रोड निर्माण भी जोड़ा गया है। वहीं श्रवणपुर नहर पर पुल के पास नहर की सड़क को पार करने के लिए कुछ काम जोड़ा गया है। कुछ पुलों की लंबाई को भी बढ़ाया गया है।
हरिद्वार से नगीना के बीच 503 करोड़ रुपये का काम हो चुका है। पुराने टेंडर के हिसाब से 280 करोड़ रुपये का काम बाकी है। अब रिवाइज एस्टीमेट बनाया गया है। जिसमें बाकी रह काम में 380 करोड़ की लागत आएगी। इसमें 11 नए काम भी जोड़े गए हैं। मार्च तक फिर से टेंडर हो सकता है।