मुजफ्फरनगर। करीब 48 घंटे की बारिश के बाद काली नदी का जलस्तर काफी बढ गया है। गांव मिमलाना और कल्लरपुर के बीच से गुजर रही काली नदी बारिश के बाद उफान पर आ गई है। काली नदी का जल स्तर बडी तेजी के साथ बढ रहा है। आस पास के खेतों में पानी भर गया और गन्ने की फसल पानी में डब गई है। उधर काली नदी का पानी सड़क मार्ग पर आने का तैयार है। पानी सड़क पर आ गया तो कई गांव का रास्ता शहर जाने के लिए बंद हो जाएगा।
बारिश के पहले काली नदी का जल स्तर काफी घटा हुआ था। काली नदी सूखने का तैयार थी, लेकिन पिछले दो दिनो से हो रही बारिश के बाद काली नदी का जल स्तर काफी बढ गया है। गांव मिमलाना और कल्लरपुर के बीच से गुजर रही काली नदी का पानी आस पास के खेतों में भर गया है। किसानों के गन्ने की फसल और चारा आदि की फसल आधी डूब गई है। वहीं आस पास के खेतों में धान की फसल भी कटी हुईर पडी थी। उक्त कटी धान की फसल भी काली नदी के पानी की चपेट में आ गई है। इस काली नदी के पुल पर बना पुल कई गांव को शहर से जोडता है। नदी का पानी लगातार बढता जा रहा है। यदि बारिश हुई तो नदी का पानी सड़क पर आ जाएगा। जिस कारण यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो सकता है। उधर काली नदी के उफान से गांव मिममलाना के लोग काफी डरे हुए है।
दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। बारिश के साथ चली तेज हवा के कारण धान और गन्ने की फसल गिर गई है। जनपद में अधिकांश क्षेत्रों में धान की फसल पक कर तैयार हो चुकी है और कटाई भी शुरू हो गए है। ऐसे में बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है। वहीं अधिकांश स्थानों पर धान की फसल तेज हवा के कारण गिर चुकी है। धान की फसल को करीब 10 प्रतिशत नुकसान और सब्जी की फसल को करीब 20 प्रतिशत नुकसान बताया जा रहा है।
पिछले दो दिन से हो रही बारिश से मौसम में ठंडा हो गया है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है, लेकिन मूसलाधार बारिश ने किसानों के चेहरों से मुस्कान को छिन लिया है। मूसलाधार बारिश के साथ चली तेज हवा से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। जनपद में 13430 हेक्टेयर धान की बुवाई हुई है। अधिकांश धान की फसल पक कर तैयार हो गई है। गांव मिमलाना, कल्लरपुर, कछौली, जट नगंला, बडकली, बधाई, रोहाना आदि क्षेत्रों में धान की कटाई भी शुरू हो गई है। बारिश के कारण धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया ने बताया कि जो धान की फसल हवा के कारण गिर गई है उसको काफी नुकसान हुआ है। जनपद में धान की फसल को करीब 10 फिसदी नुकसान हुआ है। वहीं आलू की बुवाई प्रभावित हो गई है। जिला उद्यान अधिकारी अरूण कुमार ने बताया कि जनपद में बारिश के कारण खीरा, लोकी और गोभी आदि फसल को करीब 20 प्रतिशत नुकसान हुआ है।