चाणक्य भारत ही नहीं दुनिया के पहले महान अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे। आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, राजनीति, कूटनीति के अलावा व्यवहारिक जीवन की भी कई अहम बातें बताई हैं, जो आज भी समाज में लागू होता है। उनकी नीतियां और गूढ़ बातें आज के समाज के लिए आइने की तरह है और मददगार है।
चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में स्त्री, पुरुष, बड़े, बुजुर्ग, बच्चे यानी समाज के हर वर्ग के लिए विस्तार से चर्चा की है और सीख भी दी है। जिस पर अमल कर आदमी अपने जीवन को संवार सकता है। आज हम आपको चाणक्य की वे गूढ़ बातें बताते हैं, जिनका पालन कर आप भी अपने दांपत्य जीवन में खुशियों के रंग भर सकते हैं।
चाणक्य नीतियां अपनी नीतियों के जरिए हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं। इन्हीं में से एक हैं स्त्री और पुरुष के संबंध। चाणक्य हजारों साल पहले इसको लेकर भी कई अहम बात कहे थे। जीवन के तमाम पहलुओं के बारे में बात करते हुए चाणक्य ने कहा था कि स्त्री पुरुषों में एक जनावर का गुण ढूढ़ती हैं। नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य पुरुषों से जुड़े गुणों का जिक्र करते हुए कहते हैं कि अगर किसी पुरुष में कुत्ते के 5 गुण आ जाए तो उससे उसकी स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है।
आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में कहते हैं कि पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए। साथ ही उससे जो धन या फल मिले उससे हमेशा संतुष्ट और खुश रहना चाहिए। जिस प्रकार से कुत्ता को जितना खाना मिलता है, उतने में ही वह संतुष्ट हो जाता है। उसी प्रकार पुरुष अपने मेहनत से जो अर्जित धन अर्जित करता है उसी से परिवार का पालन पोषण करना चाहिए। चाणक्य के मुताबिक जिन पुरुषों में यह गुण होता है वे जीवन में हमेंशा सफल रहता है।
आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि जिस प्रकार गहरी नींद में भी कुत्ता सतर्क रहता है, वैसे ही पुरुषों को भी अपने परिवार-स्त्री और कर्तव्यों को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए। पुरूषों को अपने परिवार और अपनी सुरक्षा के लिए शत्रुओं के हमेशा सावधान रहना चाहिए। पुरु। चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो उसमें हल्की आहट पर ही जागने का गुण होना चाहिए। ऐसे गुण वाले पुरुष से उनकी पत्नी हमेशा खुश और प्रसन्न रहती है।
आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि जिस प्रकार कुत्ते की वफादारी पर कोई शक नहीं कर सकता है, उसी तरह पुरुष को अपनी पत्नी और काम के प्रति वफादार होना चाहिए। जो पुरुष अनजान महिलाओं को देखकर लालायित हो जाता है, उसके घर में कलह बनी रहती है। ऐसे पुरुष से उसकी स्त्री कभी भी खुश नहीं रहती है, क्योंकि स्त्री और पत्नी अपने पति की वफादारी आनंदित रहती है।
आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि कुत्ता वीर और निडर होता है। वह अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक परवाह नहीं करता ठीक उसी तरह पुरुषों को भी वीर होना चाहिए और जरुरत पड़ने पर अपनी पत्नी व परिवार की रक्षा लिए अपनी जान दाव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक हर पुरुष का पहला कर्तव्य और दायित्व होता है कि वह अपनी पत्नी को हर प्रकार से संतुष्ट रखे। जो पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्नी को संतुष्ट रखते हैं, उनकी पत्नी हमेशा प्रसन्न रहती हैं। और ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपनी पत्नी का प्रिय बना रहता है।