लखनऊ। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर 69000 शिक्षक भर्ती कैंडिडेट ने जमकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री आवास को घेरना शुरू किया तो पुलिस से झड़प हो गई। कैंडिडेट वहीं लेट गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसी बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा। हालांकि कैंडिडेट नहीं भागे लेकिन कई कैंडिडेट बेहोश हुए हैं।
ऑन्सर-की मामले के चलते नियुक्ति पाने से वंचित रह गए इन कैंडिडेट का लखनऊ में प्रदर्शन का 67वाँ दिन है। बड़ी संख्या में महिला कैंडिडेट भी मौजूद हैं। आरपार की लड़ाई लड़ने की बात करते हुए कैंडिडेट कहते हैं- जब तक नियुक्ति की लिखित कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक मुख्यमंत्री आवास चौराहे पर प्रदर्शन जारी रखेंगे।
कैंडिडेट का आरोप है कि वह गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद से मुलाकात की। उन्होंने कैंडिडेट्स के साथ बदसलूकी की। अधिकारियों से बात के दौरान सभी कैंडिडेट को धमकी दी गई।
एक दिन पहले यानी गुरुवार को बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का आवास घेरा था। इस दौरान कैंडिडेट्स ने जमकर नारेबाजी की और धरना दिया। फिर पुलिस कुछ कैंडिडेट को लेकर पुलिस निदेशालय पहुंची। वहां महानिदेशक स्कूल शिक्षा समेत अन्य अफसरों से बात भी कराई थी। हालांकि कैंडिडेट्स का कहना था कि अफसरों से नियुक्ति को लेकर भरोसा न मिलने के कारण वे घेराव और प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं।
इससे पहले बुधवार की सुबह ईको गार्डन में भी कैंडिडेट्स प्रदर्शन के लिए उतरे। प्रदेश के तमाम जिलों से सैकड़ों कैंडिडेट्स लखनऊ पहुंचे थे। सभी ने मांगों के पक्ष में आव बुलंद करते हुए जमकर नारेबाजी की। इस बीच बदायूं से आए गौरव सक्सेना को अचानक चक्कर आ गया। इससे पहले कोई समझ पाता कि वो गिर गए।
ऑन्सर-की वाले इन अभ्यर्थियों को एक अंक के चलते नियुक्ति से वंचित रहना पड़ा था। अभ्यर्थियों का आरोप हैं कि कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी सरकार इसे लागू नहीं कर रही। इसी को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका दावा है कि विभाग की 69 हजार शिक्षक भर्ती के एक सवाल में शैक्षिक परिभाषा को गलत पाए जाने पर हाईकोर्ट ने एक अंक बढ़ाकर मेरिट बनाकर चयन करने का आदेश दिया था। 9 नवंबर 2022 को आदेश जारी होने के बाद लगभग 11 महीने बीत जाने के बावजूद अंतिम आदेश का पालन नहीं किया गया है।
धरने पर बैठे कैंडिडेट्स में दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि नवंबर-2022 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंक बढ़ाते हुए हम सभी को मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने का आदेश दिया था। इसके वजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने अभी तक नियुक्ति नहीं दिया। कैंडिडेट्स का आरोप है कि विभाग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को नहीं मान रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए नियुक्ति दी जानी चाहिए।