सहारनपुर। यूं ही नहीं कहा जाता कि भाजपा हमेशा चुनावी मोड में रहती है। लगभग दो-तिहाई बहुमत से प्रदेश की सत्ता में वापसी, कांवड़ यात्रा और आजादी का अमृत महोत्सव व जोर-शोर से मनाने के बाद अब लोकसभा-2024 में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाल ली है। यही वजह है कि बड़े लक्ष्य की संकल्प सिद्धि के लिए वे प्रदेश की सीट नंबर एक (बेहट) विधानसभा वाले जिला सहारनपुर से सरकार और संगठन के समन्वय को नया आयाम देते नजर आए।
सरकार चला रहे योगी संगठन को कतई कमतर नहीं आंकना चाहते, इसलिए पहली बार सरकारी दौरे के दौरान उन्होंने संगठन के जिला-महानगर स्तर के पदाधिकारियों के साथ अलग से न सिर्फ बैठक की, सुझाव मांगे बल्कि भरोसा भी दिया कि उनकी हर बात सुनी जाएगी। मुख्यमंत्री बोले, कार्यकर्ता-नेता पहले अपने स्तर पर अधिकारियों के समक्ष मजबूती से बात रखें। जनता की समस्या-शिकायतों का समाधान कराएं। बात अनसुनी हो तो विधायक-सांसद को जरिया बनाएं। लगे हाथ उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जन प्रतिनिधियों की सलाह-सहयोग के साथ ही विकास का खाका खींचा जाए, योजनाएं तय समय में पूरी हों। यानी योगी हर हाल में चाहते हैं कि उप्र में भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश हाई रहे और लोकसभा में एक बार फिर कमल खिले।
यह संदेश उन्होंने खासकर उस क्षेत्र से देने की कोशिश की है जहां लहर के बावजदू भाजपा पिछला लोकसभा चुनाव भाजपा हार गई थी। बुधवार की सुबह राजकीय विमान से पहले सरसावा और फिर हेलीकाप्टर से सुबह 10.35 बजे सहारनपुर पुलिस लाइंस पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित् नाथ ने सबसे पहले संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिला-महानगर स्तर तक के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने परिचय लेने के साथ ही हर एक से सुझाव मांगे। कुछ नोट कराए तो कुछ के मौके पर ही समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। यहां से वे शाकंभरी विश्वविद्यालय पहुंचे और वहां निर्माण की गति धीमी होने पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ठेकेदार को डपटा। कमिश्नर की अगुवाई में चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर सप्ताहभर में रिपोर्ट देने को कहा कि इस देरी के लिए जिम्मेदार कौन है? रिपोर्ट के आधार पर ही मामले में एफआइआर अथवा फर्म को ब्लैक लिस्ट करने का निर्णय लिया जाएगा।
विश्वविद्यालय से लौटते समय वे सहारनपुर स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर पहुंचे और निर्देश दिया कि मुख्य चौराहों पर एंबुलेंस और क्रेन की व्यवस्था रखी जाए। यहां से सर्किट हाउस पहुंचकर उन्होंने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में मंडलीय समीक्षा की। बैठक में सहारनपुर मेडिकल कालेज की लचर व्यवस्था और सड़कों की खस्ताहालत का मुद्दा भी उठा, जिस पर उन्होंने कमिश्नर को नियमित समीक्षा कर स्थिति सुधारने को कहा। मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के निर्देश दिए।
लगभग ढाई घंटे की मैराथन बैठक के बाद वे 4.22 बजे शामली पहुंचे। यहां उन्होंने बंतीखेड़ा में नवनिर्मित 400 केवी के बिजलीघर का निरीक्षण किया। यहां भी मुख्यमंत्री ने पार्टी संगठन के पदाधिकारियों, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री से मिले। बातचीत की, फिर सरसावा के लिए उड़ गए। चूंकि मंडलीय समीक्षा में मेडिकल कालेज का मुद्दा उछला था, लिहाजा लखनऊ रवाना होने से पहले वे मेडिकल कालेज भी गए और वहां की व्यवस्था से दो-चार हुए।