नई दिल्ली. होली भी खत्म हो गई. मार्च का महीना भी बीतने वाला है. यह महीना खत्म होने में करीब डेढ़ सप्ताह ही बचे हैं. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 खत्म हो जाएगा और एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2022-23 का आगाज हो जाएगा. नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले 31 मार्च न सिर्फ किसी वित्त वर्ष का आखिरी दिन होता है बल्कि यह कई वित्तीय कामों को पूरा करने की भी डेडलाइन होती है.
अगर इन वित्तीय कामों को समय पर पूरा नहीं किया जाता है तो अगले वित्त वर्ष में समस्या हो सकती है. आप पर जुर्माना लग सकता है और इनकम टैक्स अधिकारी चाहे तो आपको जेल भी भेज सकता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ जरूरी कामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप 31 मार्च 2022 तक या उससे पहले निपटा लें.
आधार और पैन नंबर को लिंक करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 है. अगर आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो 31 मार्च से पहले आधार और पैन को लिंक करा सकते हैं. ऐसा नहीं करने पर पैन नंबर इनवैलिड हो जाएगा. ई-फाइलिंग वेबसाइट या UIDPAN को 567678 या 56161 पर भेज कर आप दोनों को लिंक कर सकते हैं. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और UTIITSL के पैन सेवा केंद्रों के जरिये भी इसको ऑफलाइन लिंक करा सकते हैं.
महामारी देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट कई बार बढ़ाई गई. आयकर विभाग ने अंतिम बार इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की थी. हालांकि, अगर आप उस समय तक आईटीआर फाइल नहीं कर सके तो 31 मार्च 2022 तक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. लेकिन, बिलेटेड आईटी रिटर्न दाखिल करते समय टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त करों के साथ जुर्माना भी देना होगा.
आरबीआई (RBI) ने केवाईसी को पूरा करने की समय सीमा को 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी है. आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों को चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक केवाईसी अपडेट (Bank KYC update) करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करने की सलाह दी है. KYC के तहत ग्राहकों से उसके पैन कार्ड, पता जैसे आधार, पासपोर्ट आदि को अपडेट कराने के लिए बैंक कहता है. इसके साथ ही हालिया फोटोग्राफ और अन्य जानकारी भी मांगी जाती है.
अगर आपने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुना है तो आपने 31 मार्च 2022 तक अपनी टैक्स बचत प्लानिंग कर लेनी होगी. इसका मतलब यह होगा कि टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने सभी सेक्शन के तहत उपलब्ध डिडक्शन का लाभ उठाया है. नियम के मुताबिक, आम तौर पर उपलब्ध कटौती में धारा 80सी में 1.5 लाख रुपये तक, एनपीएस योगदान के लिए धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये टैक्स लाभ, चिकित्सा बीमा प्रीमियम आदि पर 50,000 रुपये टैक्स लाभ शामिल हैं.
अगर आपका पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में खाता है और आपने चालू वित्त वर्ष के लिए इन खातों में कोई पैसा जमा नहीं किया है तो आप 31 मार्च 2022 तक न्यूनतम जरूरी रकम डाल लें. वरना इन्हें दोबारा एक्टिव करवाने के लिए आपको जुर्माना देना पड़ेगा. ध्यान दें कि वित्त वर्ष 2021-22 से कोई व्यक्ति पुरानी या मौजूदा टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुन सकता है. मौजूदा कर छूट और कटौती का लाभ उठा सकता है. भले ही आप नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं फिर भी यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपने खाते को सक्रिय रखने के लिए आवश्यक न्यूनतम योगदान जमा कर दिया है.