नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है. केरल से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है और कहा है कि पीएफआई पर बैन लगाना कोई उपाय नहीं है. बता दें कि टेरर कनेक्शन को लेकर हाल ही में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए और ईडी ने छापेमारी की थी.
कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने मलप्पुरम में कहा, ‘हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं. पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है. आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है. आरएसएस और पीएफआई दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. केवल पीएफआई ही क्यों?’
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय के अलावा दूसरी एजेंसियों ने 22 सितंबर को 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ सबूत मिले थे. इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों ने 9 राज्यों में भी पीएफआई के ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड डाली. पहले राउंड की छापेमारी में 106 और दूसरे राउंड की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े लोग 247 गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. बताया जा रहा है कि छापेमारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उससे जुड़े 8 संगठनों पर देशभर में पाबंदी लगा दी है.
केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है. जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. पीएफआई के अलावा उसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार यूएपीए की धारा 3(1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीएफआई और उसके सहयोगियों या सहयोगियों या मोर्चो को गैरकानूनी संघ घोषित करती है.