शामली। जनपद की कलेक्ट्रेट में दिल्ली देहरादून हाईवे किसान संघर्ष समिति के द्वारा एनएचएआई की मनमानी और प्रशासन की वादा खिलाफी के खिलाफ सैकड़ों किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमे खाप चौधरियों और भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा भी शिरकत की गई।जहा धरना प्रदर्शन के उपरांत किसानों ने एक 8 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन डीएम को सौंपा और सभी मांगो को अतिशीघ्र पूरा किए जाने की मांग की है।
आपको बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जनपद में दिल्ली देहरादून इकोनोमिक कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है।जिसके चलते दिल्ली देहरादून हाईवे किसान संघर्ष समिति के बैनर तले एक कलेक्ट्रेट में एक धरना प्रदर्शन किया गया।जिसमे दर्ज़नो किसानों , खाप चौधरियों और भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी प्रतिभाग किया।धरना प्रदर्शन के उपरांत किसानों ने डीएम को एक 8 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा।जिसमे अवगत कराया गया है कि खसरों की पैमाईश व जितना मुआवजा व अवार्ड में रकबा दर्शाया गया है मात्र उतने ही रकबे पर पैमाईश कराकर कब्जा किया जाए।
परिसंपत्ति जो अवार्ड में छुटी हुई है उसका सर्वे कराकर दोबारा अवार्ड किसानों को कब्जे से पूर्व नोटिस दिया जाए।खड़ी फसल का मुआवजा व सर्वे कराकर किसानों को लिखित में दिया जाए।जो रास्ते हाईवे के पैरलर है उनकी अंडरपास की व्यवस्था की जाए।इस दौरान धरना प्रदर्शन दे रहे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ग ठवाला खाप के थांबेदर बाबा श्याम सिंह ने बताया कि जनपद में चल रहे दिल्ली देहरादून इकोनोमिक कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है।जिसमे जनपद के दर्ज़नो गांवों के सैकड़ों किसानों की भूमि को बिना उचित मुआवजे के अधिग्रहण किया जा रहा है।एनएचएआई के लोग लगातार किसानों के खेतो में बिना नोटिस के कब्जा कर रहे है जो की किसानो के साथ सरासर नाइंसाफी है और हम किसी भी हाल में ऐसा नहीं होने देंगे।उन्होंने कहा कि पूर्व में जिला प्रशासन के साथ समिति की एक बैठक हुई थी।
जिसमे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों की मांगों को सही मानते हुए 1 माह के भीतर समाधान निकाले जाने की बात कही थी।लेकिन स्तिथि आजतक ज्यो की त्यों बनी हुई है।जिसके चलते आज हमने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया है।उन्होने कहा कि किसान किसी भी विकास कार्य में रोड़ा नहीं बनना चाहता बर्शते सरकार किसानों की मांगों को पूरा करे।साथ ही धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चतावनी दी है कि जब तक किसानों कि सभी मांगो को पूरा नहीं किया जाएगा।तब तक किसी भी किसान के खेत पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।