नई दिल्ली. ना पेट्रोल-डीजल की टेंशन और प्रदूषण से मुक्त सफर। अपनी इसी खासियत के कारण देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहली बार इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले मन में कई सवाल आते हैं जिनमें सबसे पहले आता है कि क्या ये सुरक्षित हैं? अगर आप भी इलेक्ट्रिक कार खरीदने का मन बना रहे हैं लेकिन सुरक्षा के कारण फैसला नहीं कर पा रहे हैं तो हम आज आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं।
कितनी सुरक्षित हैं ईवी
इलेक्ट्रिक कारों को बेहद एडवांस तरीके से बनाया जाता है। इनमें आईपी रेटिंग दी जाती है जिससे इनकी सुरक्षा की जानकारी मिलती है। इनकी बैटरी में सुरक्षा की कई परत चढ़ाई जाती हैं जिसके बाद इनकी सुरक्षा और बढ़ जाती है।
ईवी की बैटरी को चार्ज करने के समय इसमें करंट स्टोर किया जाता है। बैटरी में करंट होने के बाद भी अगर कार पानी में चले तो भी ये पूरी तरह सुरक्षित होती हैं। ईवी में आईपी रेटिंग दी जाती है और भारत में मिलने वाली ज्यादातर कारों में आईपी 67 रेटिंग होती है। आईपी 67 रेटिंग का उपयोग पनडुब्बियों में भी किया जाता है इसका मतलब है कि ऐसी रेटिंग वाली बैटरी बेहद सुरक्षित होती है। इन पर चढ़ी परतें पानी आने से पहले ही सक्रिय हो जाती हैं। वहीं मेन बैटरी पैक में कार के बाकी हिस्सों से खुद को इलेक्ट्रिकली अलग करने की क्षमता भी होती है।
चार्जिंग है कितनी सुरक्षित
अक्सर मन में एक और सवाल आता है कि क्या बारिश के मौसम में इन्हें चार्ज करना सुरक्षित होगा? इसका जवाब ये है कि ऐसी कारों के चार्जर को भी मौसमरोधी बनाया जाता है। जिसका मतलब ये हुआ कि इन्हें हर मौसम में काम करने के लिए ही बनाया जाता है। इनको बनाने के बाद कड़ी टेस्टिंग की जाती है जिससे ये भरोसा हो जाए कि इनसे करंट का झटका ना लगे। कंपनियां इनकी बैटरी को ओवर चार्ज प्रोटेक्शन, शॉक प्रोटेक्शन, शॉर्ट प्रोटेक्शन, क्रैश टेस्ट जैसे कई टेस्ट करती हैं।
कुछ लोगों के मन में सवाल आता है कि इलेक्ट्रिक कारों में भी काफी फीचर्स मिलते हैं ऐसे में क्या इनसे कार की बैटरी पर लोड बढ़ता है? इसका जवाब है नहीं। इन्हें भी पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन वाली कारों की तरह ही बाजार में पेश करने से पहले टेस्ट किया जाता है। इनमें दिए जाने वाले फीचर्स की भी टेस्टिंग की जाती है। कार चलाने के दौरान एसी चलाने, लाइट जलाने, वाइपर चलाने या अन्य किसी भी फीचर को इस्तेमाल करने में बिजली जरूर लगती है लेकिन इससे कार की बैटरी और रेंज पर कोई फर्क नहीं पड़ता। बैटरी पैक को डिजाइन करते समय इन सभी चीजों पर भी ध्यान रखा जाता है जिसके बाद कंपनी की ओर से कार की रेंज तय की जाती है।