विवाह के सात फेरे किसी व्यक्ति की खुशी की गारंटी नहीं हो सकते हैं। अक्सर दो लोग एक रिश्ते में तो बंध जाते हैं, लेकिन आपसी सामंजस्य और प्रेम को स्थापित करने के लिए कई प्रयासों की जरूरत होती है। यह देखने में आता है कि अपने रिश्ते को सफल बनाने के लिए पत्नियां बहुत अधिक मेहनत करती हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर अक्सर वह खुद ही अपने रिश्ते में नाखुश होती हैं।
पत्नी के अपने रिश्ते में नाखुश होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार कपल्स के बीच बेहतर कम्युनिकेशन ना होना या फिर अपने पार्टनर की जरूरत को नजरअंदाज करना ऐसे कुछ छोटी-छोटी बातें होती हैं, जिसके कारण रिश्ते से खुशी गायब हो जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बता रहे हैं, जिसकी वजह से एक पत्नी अपने रिश्ते में खुशी को महसूस नहीं कर पाती है
अमूमन जब पति दिन भर के काम के बाद घर लौटते हैं, तो वे केवल आराम करना, टीवी देखना और सोना चाहते हैं। यह व्यवहार बहुत ही सामान्य है लेकिन ऐसे में पत्नी की ओर ध्यान ना देने से उन्हें बुरा लगता है। वे भी ऑफिस की जिम्मेदारियों को निभाती हैं। इतना ही नहीं, वे अपने घर की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ हर सदस्य की जरूरत का ख्याल रखती हैं। लेकिन जब पार्टनर अपने काम के ओवरलोड होने के कारण अपनी वाइफ को नजरअंदाज करते हैं, तो इससे उन्हें काफी दुख होता है। वे अपनी अपनी पत्नी के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के बजाय टीवी, फोन या अन्य विकल्प चुनते हैं।
किसी भी रिश्ते में जरूरी होता है कि हर फैसले में दोनों पार्टनर शामिल हों। हालांकि, भारतीय समाज में सिर्फ पुरूषों की बात को ही महत्व दिया जाता है। वे ना तो अपनी पत्नी से राय लेते हैं और ना ही उनके द्वारा दिए जाने वाली सलाह पर गौर करते हैं। ऐसे में जब पत्नी व उसकी राय को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाता है तो इससे उसे काफी दुख होता है। इतना ही नहीं, फिर वह अपने रिश्ते में नाखुश रहती है।
ऐसी कई जगहें होती हैं, जहां पर पति-पत्नी को साथ में जाना होता है या फिर एक साथ मिलकर अपनी जिम्मेदारियां निभानी होती हैं। इस स्थिति में किसी भी कमिटमेंट को देने से पहले यह जरूरी होता है कि पहले पति-पत्नी दोनों आपस में मिलकर बात करें और उसके बाद ही कोई फैसला लें। हालांकि, कई बार पति अपनी पत्नी से बात किए बिना ही कई कमिटमेंट कर लेते हैं। ऐसे में ना केवल महिला को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि उसे बहुत अधिक दुख भी होता है।
वैवाहिक जीवन का अर्थ सिर्फ पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध तक ही सीमित नहीं है। वास्तव में, महिलाएं उन छोटी-छोटी बातों से खुशी महसूस करती हैं, जो उन्हें उनके पति के प्रेम का अहसास करवाएं। मसलन, पत्नी को गले लगाना, उसका हाथ पकड़ना, बिना किसी वजह कभी-कभी उसे चॉकलेट या फूल देना या फिर उसके लिए एक प्यार भरा मैसेज लिखना ऐसी कई छोटी-छोटी चीजें हैं, जो हमेशा पति-पत्नी के बीच प्रेम को बनाए रखती हैं। हालांकि, अधिकतर रिश्तों में इस तरह के रोमांस की कमी होती है और इसलिए पत्नी को अपने रिलेशन में खुशी का अहसास नहीं होता है।
महंगाई के इस दौर में फाइनेंस भी रिश्तों पर गहरा प्रभाव डालता है। कुछ पुरूषों की यह आदत होती है कि वे वित्तीय मामलों में बेहद लापरवाह होते हैं। वहीं दूसरी ओर एक महिला को पूरा घर चलाना होता है। उन्हें हमेशा इस बात का ख्याल रखना होता है कि उनके घर में कोई वित्तीय समस्या पैदा ना हो। ऐसे में अगर पुरूष बेवजह पैसों को खर्च करता है तो इससे महिला को काफी दुख होता है। वह हमेशा ही पैसे व खर्च को लेकर चिंतित रहती है और ऐसे में उनके रिश्ते से भी खुशी कहीं गायब हो जाती है।