मेरठ। ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाकर किसानों का शोषण कर रही सरकारके खिलाफ किसानों का गुसा फूटा। मेरठ के ऊर्जा भवन में शनिवार को वेस्ट यूपी के 14 जिलों के किसानों ने पहुंचकर सरकार के खिलाफ धरना दिया। किसानों ने कहा अपने वादे से मुकरी सरकार किसानों का हित नहीं कर सकती, तो उन्हें मौत दे दे। किसान बिजली के बिल तो चुका नहीं सकता, मौत से उसे चैन मिलेगा। किसानों ने कहा पहले किसान का सालाना बिल 18हजार रुपए आता था। लेकिन जबसे ट्यूबवेल पर मीटर लगा है 18 दिन का बिल 18हजार रुपए आ रहा है।
सरकार मीटर से अच्छा है किसानों को सल्फास दे दे। नहीं तो यह बिल रोज किसान को मारेगा। इस बिल को भरने के लिए किसान को अपनी जमीन बेचने पड़ेगी। 5-7 साल में किसान की सारी जमीन बिजली के चक्कर में चली जाएगी।2022 चुनाव में सरकार ने हमसे जीतने के बाद फ्री बिजली देने का वादा किया था। बिजली फ्री हुई नहीं, बिल भी माफ नहीं हुए बल्कि सरकार ने ट्यूबवेलों पर मीटर और लगवा दिए। पुलिस किसानो ंके घर पर जाके छापेमारी कर रही है। आज किसान दहशत में है, बिजली बिल भरते भरते कई किसानों की मौत हो गई।
जब तक बिजली फ्री नहीं होगी अन्नदाता सड़कों पर ही रहेगा। किसानों ने कहा हमने सरकार को ईमानदारी से वोट दिया। सरकार भी ईमानदारी से बिजली फ्री करे। बृजेश चौहान ने कहा आज 14 जिलो ंके किसान पंचायत में जुटे हैं। जब इनकी परेशानी हल हो जाएगी तो दूसरे जिलों के किसानों के लिए भी हम लड़ेंगे। हमने सड़क, टोल नहीं रोका, नेताओं को बंधक नहीं बनाया। हम संवैधानिक तरीके से अपनी बात कह रहे हैं। हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर सहित वेस्ट यूपी के किसान मेरठ ऊर्जा भवन पहुंचे। यहां बढ़े बिजली बिलों के खिलाफ किसानों ने धरना दिया।