नई दिल्ली। भारत में यातायात नियम बहुत कड़े हैं। सड़क दुर्घटनाएं को कम करने के लिए ट्रैफिक चालान को भी पहले की तुलना में अधिक कर दिया गया है। ताकि लोग इन नियमों का कड़ाई से पालन करें। ऐसे में अगर आप भी सड़क पर गाड़ी चलाते हैं तो उस समय आपको सभी यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। सुरक्षित यात्रा करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए दस नियमों का पालन कर सकते हैं।
बिना सीटबेल्ट पहने यात्रा करना दंडनीय अपराध है। इसके अलावा यह दुर्घटना के दौरान आपकी जान की भी हिफाजत करता है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 138 (3) सीएमवीआर 177 एमवीए सीट बेल्ट नहीं लगाने के लिए विशिष्ट जुर्माना निर्धारित करती है।
कई बार ऐसा होता है कि जब हम गाड़ी चलाते हैं तो हमारा फोकस कहीं और चला जाता है, जिससे बड़ी घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए गाड़ी चलाते समय अपना फोकस सड़क पर रखें।
गति सीमा निर्धारित करने का लक्ष्य वाहन में यात्रियों के साथ-साथ पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, कम यातायात वाली सड़कों पर भी तेज गति से वाहन चलाने से चालक नियंत्रण खो सकता है या अचानक ब्रेक फेल हो सकता है, जिससे दुर्घटना हो सकती है।
ट्रैफिक सिग्नल का पालन नहीं करने पर दुर्घटना हो सकती है। यह, बदले में, वाहन को नुकसान पहुंचा सकता है, इन गलतियों से शारीरिक चोटें या फिर यहां तक कि मौत भी हो सकती है। ऐसी घटना से खुद को आर्थिक रूप से बचाने के लिए, आप वाहन बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं।
शराब पीकर वाहन चलाने पर दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। यहां तक लंबा चालान भी कटता है। इसलिए शराब पीकर गाड़ी चलाने से परहेज करें।
अपनी कार की नियमित रूप से देखभाल करें। खराब हो चुके टायरों की मरम्मत करें, अपनी टूटी हुई हेडलाइट्स को ठीक करें, अपने साइड मिरर को ठीक करें और अपने इंजन ऑयल को बदलें क्योंकि ऐसा करने में विफल रहने पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने पर भारी चालान कटता है। यहां तक की सिग्नल तोड़ते समय बड़ी सड़क दुर्घटना भी हो सकती है।
भारतीय सड़कों पर बढ़ते यातायात को ध्यान में रखते हुए, लेन अनुशासन का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यस्त सड़क पर लेन बदलकर कभी भी कार को ओवरटेक न करें। अगर आप लेन बदलते हैं, तो भी एक संकेत देना याद रखें।
सुरक्षित दूरी बनाए रखने से आपको प्रतिक्रिया करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा यदि आगे का वाहन अचानक रुक जाता है। यह टक्कर की संभावना को कम करता है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
भारत राइट-हैंड ड्राइव का अनुसरण करता है। इसलिए हमेशा दायीं ओर से ओवरटेक करना याद रखें।