शामली। शहरी तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में जिले के 165 और गांवों में मिनी कूडा प्लांट के रूप में रिसाेर्स रिकवरी सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। वहीं 65 गांवों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही कूड़े के माध्यम से जैविक खाद भी बनाई जा सकेगी। शासन से धनराशि अवमुक्त हो जाने के बाद जिले की ग्राम पंचायतों की ओर से अगले वर्ष 2025 में निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। जिले के सभी गांवों को माॅडल बनाने की तैयारी है।
शहरी तर्ज पर ग्रामीणों क्षेत्रों में कूड़ा संग्रह प्लांट की कार्ययोजना तैयार कराई गई थी, ताकि गांवों को माॅडल बनाया जा सके। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार से 70 प्रतिशत और तीस प्रतिशत केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि से रिसोर्स रिकवरी सेंटर यानि कूड़ा निस्तारण प्लांट का निर्माण कराया जाना था। शहरी क्षेत्रों में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व विभाग की भूमि उपलब्ध कराता है। जिले के 65 गांवों में निस्तारण प्लांट का निर्माण चल रहा है। डीपीआरओ संदीप अग्रवाल ने बताया कि कि जल्द ही बाकी 165 में भी बजट आते ही काम शुरू कराया जाएगा। प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है।
आरसीसीसेटर रिसोर्स रिकवरी सेंटर 480 वर्ग मीटर भूमि में बनता है। उसके ऊपर टीन शेड डाला जाता है। टीन शेड के बाहर दो कमरे होते हैं। कूड़ा संग्रह प्लांट के लिए राजस्व विभाग भूमि उपलब्ध कराता है। गांव के कूड़े को खाद के रूप में प्रयोग करते हुए किसानों को बेचा जाएगा। कूड़े और खाद से होनी वाली आय को ग्राम पंचायत विकास कार्यों पर खर्च करेगी।