नई दिल्ली। देश के सरकारी बैंकों में पिछले 8 साल में 1.06 लाख पद खाली हुए हैं। 2012-13 में सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की संख्या 8.86 लाख थी, जो वित्त वर्ष 2020-21 में घटकर 7.80 लाख रह गई। कर्मचारियों की संख्या में कमी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों से खाली पदों को जल्द भरने और इसकी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
वित्त मंत्रालय ने इसी महीने बैंकों में खाली पदों की समीक्षा की थी। उसके बाद यह निर्देश दिया है। इसके बाद बैंकों ने अब विज्ञापन देना शुरू कर दिया है। दरअसल, कोरोना के कारण बैंकों में भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई थी। इससे खाली पदों पर भर्ती नहीं हो पाई थी।
आईबीपीएस में सभी बैंक लेंगे हिस्सा
आईबीपीएस परीक्षा में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कैनरा बैंक और पीएनबी समेत सभी बैंक शामिल होंगे।
एसबीआई समेत कई बैंकों में भर्ती शुरू
एसबीआई ने 1,673 प्रोबेशनरी अधिकारियों की भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इसमें 73 भर्तियां पहले से खाली पड़े पदों पर होगी, जबकि 1,600 नियमित पद भरे जाएंगे।
सेंट्रल बैंक ने 110 अधिकारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है।
इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) ने 6,500 प्रोबेशनरी अधिकारियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सिडबी ने भी कर्मचारियों की भर्ती के लिए आवेदन मांगा है।
अनुसूचित जाति के पद पर 2 अक्तूबर से भर्ती
सभी सरकारी बैंक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित खाली पदों को भरने के लिए 2 अक्तूबर से विशेष अभियान शुरू करेंगे। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बैंकों के प्रमुखों के साथ एक बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके लिए बैंक शाखाओं को लक्ष्य दिया जाएगा।