प्रयागराज. प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में अतीक अहमद के बेटे असद पर पुलिस ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था लेकिन, वह पिछले 48 दिनों से एसटीएफ को लगातार चकमा देकर फरार चल रहा था। एसटीएफ उसके लगातार पीछे लगी हुई थी।
हत्याकांड के बाद से असद ने दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बंगाल में फरारी काटी। सुराग लगाते हुए एसटीएफ जब तक वहां पहुंचती, शातिराना अंदाज में असद एसटीएफ को झांसा देकर निकल भागता। आखिरकार बृहस्पतिवार को सटीक लोकेशन मिलने के बाद एसटीएफ ने उसे झांसी में घेरकर मुठभेड़ में मार गिराया।
24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में अधिवक्ता उमेश पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दो बेटे, गुलाम, साबिर, गुड्डू एवं अरमान समेत कुल आठ नामजद एवं अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 506 एवं 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
जब असद का एनकाउंटर हुआ तो कुछ लोग मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बताया है कि उन लोगों ने क्या देखा और जब तक एनकाउंटर चला उनका क्या हाल रहा…घटनास्थल के पास पारीछा गांव के रामचरन बकरियां चरा रहे थे। बकरियां आसपास चर रहीं थीं और वे पेड़ के नीचे लेटे हुए थे। इसी दरम्यान उन्हें एक गोली चलने की आवाज आई। रामचरन ने बताया कि पहले उन्हें लगा कि किसी गाड़ी का टायर फटा है।
इसके बाद एक के बाद एक आवाज आने लगी। इससे वे घबरा गए और अपनी बकरियों को समेटकर गांव जाने लगे। लेकिन, तभी पुलिस की दो गाड़ियां आती नजर आईं। इस पर वह रुक गए। कुछ देर बाद घटनास्थल पर पहुंचे। नहर के पास दो लोग लहूलुहान पड़े हुए थे। तब जाकर उन्हें पता चला कि पुलिस ने यहां एनकाउंटर किया है।
घटनास्थल पर मौजूद गंभीर सिंह ने बताया कि पास में ही उनका खेत है, जिस पर वह खेतीबाड़ी का काम कर रहे थे। अचानक गोलियों की आवाज आने लगी। इस पर उन्हें लगा कि बदमाश किसी घटना को अंजाम दे रहे हैं। इससे घबराकर वे खेत में ही लेटकर छुप गए थे।
काफी देर तक वह इसी तरह छुपे रहे। लेकिन, जब पुलिस की आवाजाही शुरू हुई तो वे भी खेत से बाहर आ गए। आगे बढ़कर देखा तो वहां दो लाशें खून से लथपथ पड़ी हुईं थीं। कई पुलिस वाले सादा लिबास में थे। वे अपने हाथों में हथियार थामे हुए थे। किसी को लाशों के पास तक जाने नहीं दिया जा रहा था।
उमेश पाल हत्याकांड में असद एवं गुलाम के मुठभेड़ में मारे जाने के साथ ही इस मामले में वांछित आठ बदमाशों में चार बदमाश मारे जा चुके। एसटीएफ ने सबसे पहले 27 फरवरी को अरबाज को मार गिराया। अरबाज ही क्रेटा कार चलाते हुए उमेश के घर तक बदमाशों को लेकर पहुंचा था। इसके बाद 6 मार्च को एसटीएफ ने विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मार गिराया। उस्मान ने ही उमेश के ऊपर पहली गोली चलाई थी।