सहारनपुर। चैत्र नवरात्र में उपवास रहकर रात को कुट्टू के आटे की पूड़ी व पकौड़ी खाने के बाद 22 लोग बीमार हो गए। आनन-फानन बीमार लोगों को गांव के ही डॉक्टर को दिखाया गया। जहां रातभर भर्ती होने के बाद सुबह डिस्चार्ज किया गया। सभी को पेट दर्द, ऐंठन, उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी। लेकिन, जिम्मेदार विभाग मौन बैठा है।
चैत्र नवरात्रों में कुट्टू के आटे की बिक्री बढ़ जाती है। सहारनपुर में बड़गांव के गांव सहजी निवासी अरविंद पुत्र बाबूराम मंगलवार को कस्बा बड़गांव से कुट्टू का आटा लेकर गया था। रात में परिवार के सदस्य कुटटू के आटे से बनी पूड़ी खाकर सो गए। करीब रात 11 बजे अचानक अरविंद व उसकी पत्नी, बेटी, भाई, भाभी, भतीजी सहित परिवार में आठ लोगों को अचानक पेट दर्द, ऐंठन, दस्त के शिकायत होने लगी। हालत बिगड़ने पर रात में ही निजी डॉक्टर के यहां भर्ती कराया गया। इनके अलावा नीटू सैनी व उसकी पत्नी की भी तबीयत खराब हुई।
उधर, गांव सांवतखेड़ी निवासी विनय कुमार सहित कई परिवार व गांव शब्बीरपुर में प्रेम सिंह व उसकी पत्नी अनीता, पुत्रवधू की कुट्टू से बनी पूड़ी खाने से उल्टी दस्त होने पर हालत खराब हो गई। निजी चिकित्सकों के यहां पीड़ितों ने उपचार कराया। उपचार के बाद हालत में कुछ सुधार आया। इनके अलावा बड़गांव निवासी प्रेमपाल, उसके दो बच्चे और पत्नी की भी कुट्टू आटे से बनी पूड़ी व पकौड़ी खाने से तबीयत बिगड़ी। रात में ही चिकित्सक को दिखाना पड़ा। बताया जा रहा है कि पीड़ितों ने बड़गांव की एक ही दुकान से कुटटू का आटा खरीदा था।
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए समय-समय पर अभियान चलता रहता है। इस समय चैत्र नवरात्र चल रहे हैं। इसको लेकर भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। बड़गांव क्षेत्र में कुट्टू के आटे की पूड़ी खाने से लोगों के बीमार होने की जानकारी नहीं है।