नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की तीन दिन चली बैठक के बाद एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया. मई से लेकर अब तक यह चौथा मौका है जब आरबीआई ने रेपो रेट में इजाफा किया है. रिजर्व बैंक की तरफ से कहा गया कि महंगाई सभी सेक्टर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. ऐसे में रेपो रेट एक बार फिर बढ़ान जरूरी है.
MPC के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. मई से अब तक लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़कर 5.90 प्रतिशत पर पहुंच गया है. इससे पहले जून और जुलाई में भी रेपो रेट में इजाफा किया गया. रेपो रेट बढ़ने के बाद होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन महंगा हो जाएगा. दूसरी तरफ बैंकों की तरफ से ग्राहकों को एफडी पर दिये जाने वाला ब्याज भी बढ़ जाएगा. इसके असर आने वाले दिनों में सभी तरह के होम लोन पर पड़ेगा.
यदि आपने 20 साल के लिए होम लोन लिया है. अब तक यदि आपके होम लोन की ब्याज दर 7.90 प्रतिशत है तो अब इसके बढ़कर 8.40 प्रतिशत होने की संभावना है. 30 लाख के लोन पर मौजूदा ब्याज दर से 20 साल के लिए हर महीने आप 24,907 रुपये की ईएमआई दे रहे हैं. लेकिन ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत का इजाफा होने पर यह ईएमआई बढ़कर 25,845 रुपये हो जाएगी. यानी हर महीने 928 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे. इस हिसाब से हर साल करीब 11256 रुपये देने होंगे.
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.