नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर समन जारी किया है। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में चल रही जांच में शामिल होने के लिए सातवीं बार नया समन जारी किया है। इससे पहले 14 फरवरी को छठा समन जारी कर बुलाया था और 19 फरवरी को पेश होना था। लेकिन केजरीवाल उस समन पर पेश नहीं हुए थे। उन्होंने कहा था कि अभी मामला कोर्ट में चल रहा है। इसलिए ईडी कोर्ट के फैसले का इंतजार करे।
इससे पहले भी ईडी छह समन भेज चुकी है, जिसे मुख्यमंत्री ने नजरअंदाज कर दिया था। ईडी ने 19 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को केजरीवाल को समन भेजा था, लेकिन दिल्ली सीएम पेश नहीं हुए थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए जवाब में पूछा कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया।
17 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंस से अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि वे दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद मार्च में शारीरिक रूप से पेश होंगे। इसके बाद अदालत ने आश्वासन को स्वीकार करते हुए सुनवाई 16 मार्च तय कर दी। अदालत ने उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ जारी समन का पालन न करने पर तलब किया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने कहा कि वे आज शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके, क्योंकि बजट सत्र चल रहा है और शक्ति परीक्षण होना है। मैं कोर्ट आना चाहता था, लेकिन ये एकदम से फ्लोर टेस्ट आ गया। इसके बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
केजरीवाल ने आश्वासन दिया कि वे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में केंद्रीय एजेंसी के समन का पालन न करने के लिए ईडी द्वारा उनके खिलाफ दायर मामले में अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे। केजरीवाल को अदालत ने सात फरवरी को तलब किया था। ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की है, क्योंकि वे अलग-अलग तारीखों पर पांच समन जारी करने के बावजूद केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।