शामली. उत्तर प्रदेश के शामली में पूर्वी यमुना पटरी पर हुए हादसे से चार परिवारों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। हादसे की जानकारी मिलते ही परिजन घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। शव देखते ही परिवारों में कोहराम मच गया। वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है और घरों में चूल्हे में भी जले।
गंगेरू निवासी मुर्सलीन बुधवार शाम पलठेड़ी गांव में निवासी अपनी बहन शीबा को लेने जा रहा था। जिद करने पर उसने अपने भांजे इब्राहिम को भी बाइक पर बैठा लिया। किसी को नहीं पता था कि दोनों अब कभी नहीं लौटेंगे। पलठेड़ी गांव में शीबा भी भाई और भतीजे की राह देखती रह गई। हादसे की जानकारी पाकर सीएचसी पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मुर्सलीन के भाई सोनू हाशमी ने बताया कि वे छह भाई थे। एक वर्ष पूर्व भाई अलीशान की दिल्ली में सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
हादसे की सूचना मिलने पर सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र के गांव ढायकी से थानाभवन सीएचसी पहुंचे नीटू और तिरसपाल के परिजन भी शव देखकर बदहवास हो गए। नीटू के पिता नाथीराम उर्फ यशपाल ने बताया कि नीटू उनका इकलौता पुत्र था। उसके दो बेटे और एक बेटी हैं। घर लौटकर वह बच्चों को क्या जवाब देगा। वह मेरे साथ खेतीबाड़ी में हाथ बंटाता था।
नाथीराम ने बताया कि नीटू हरिद्वार से कांवड़ लेकर मंगलवार को लौटा था। गांव के ही अपने साथी तिरसपाल के साथ बिना बताए बाइक पर निकल गया था। जिसके कुछ देर बाद ही उन्हें यह मनहूस खबर मिली। तिरसपाल के दो बेटे हैं और दोनों की शादी हो चुकी है।
नाथीराम ने बताया कि नीटू के चचेरे भाई आदेश और उसकी 15 वर्षीय पुत्री पूजा की सोमवार को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। बुधवार को दोनों की अस्थियां विसर्जित की गई। उस हादसे से अभी परिवार के लोग उबरे भी नहीं थे कि यह हादसा भी हो गया।
पूर्वी यमुना नहर पटरी मार्ग पर हुए इस हादसे की वजह ग्रामीण तेज रफ्तार बता रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक दोनों बाइक तेज रफ्तार में थीं। बाइक सवारों में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। यदि हेलमेट पहने होते और स्पीड कम होती तो इतना नुकसान नहीं होता।