कानपुर. आजकल महिलाएं जो परंपरागत रूप से सजे हुए हाथों का उदाहरण होती थीं, वे अब उन हाथो से विशेष औजारों को उठाती हैं जो घर की रसोई में खाना बनाकर परिवार का पालन करने में मदद करते हैं. वे अपने परिवार के साथियों के साथ मिलकर जीवन के हर पहलू में योगदान कर रही हैं, चाहे वो घर में हो या बाहर के काम.
इन महिलाओं का जुनून और मेहनत सिर्फ घर की रसोई तक ही सीमित नहीं रहा है. वे अब मैकेनिक्स के क्षेत्र में भी अपनी माहिरी दिखा रही हैं. खासकर उत्तर प्रदेश रोडवेज के क्षेत्रीय कार्यशाला में, जहां पर 9 महिलाएं बड़ी-बड़ी बसों के इंजन दुरुस्त करने का काम कर रही हैं. ये महिलाएं कौशल विकास के तहत कानपुर रोडवेज की तरफ से महिलाओं के ड्राइवर बैच की शुरूआत की गई है, जिसमें 2 साल की मैकेनिक ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इस क्षेत्र में आगे बढ़ी हैं और अपने परिवार के लिए भी मिसाल पेश कर रही हैं
उत्तर प्रदेश रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक तुलाराम वर्मा ने बताया कि यह महिलाएं बेहद लगन और जुनून के साथ यहां पर कम कर रही हैं. पुरुषों से अधिक मेहनत करने के बावजूद उनके चेहरों पर जारा सी थकान नजर नहीं आती है. गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में कानपुर इकलौता ऐसा क्षेत्र है, जहां पर रोडवेज में महिला मैकेनिक कम कर रही हैं यह कानपुर के लिए गौरव की बात है. उन्होंने साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के साथ बराबरी से काम कर सकती हैं.