शामली। ईंट की बिक्री पर 12 फीसदी जीएसटी बढ़ाने के विरोध में देशभर के लाखों ईट भट्ठों पर आज से ईंट की बिक्री बंद कर दी गई है। ईंट भट्ठा मालिकों का यह विरोध आगामी 17 सितंबर तक रहेगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने ईंट पर जीएसटी पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी है। इससे ईंट उद्योग पर संकट आ गया है। ऐसे हालात में ईंट भट्ठा का संचालन करना बहुत ही मुश्किल हो गया है। ईंट भट्ठा समिति शामली के अध्यक्ष भूपेन्द्र मलिक का कहना है कि जीएसटी बढ़ने से ईंटों का मूल्य भी बढ़ेगा। पहले से ही कोयले की कीमतें बढ़ी हुई हैं। सस्ती दर पर कोयला नहीं मिल पा रहा है। कोयले के दाम पहले के मुकाबले ढाई गुणा बढ़ गए हैं। पहले एक टन कोयला 10 से 11 हजार में मिलता थो जो कि अब बढ़कर 25 से 26 हजार प्रति टन तक पहुंच गया है।
अब जीएसटी से और मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके अलावा मिट्टी खनन में भी स्थानीय प्रशासन द्वारा उत्पीड़न किया जाता रहा है। इन्हीं वजहों से 12 से 17 सितंबर तक सभी भट्ठा स्वामी ईंट की बिक्री बंद रखेंगे और आगामी सीजन एक अक्टूबर से हड़ताल पर रहेंगे। ईंट निर्माता समिति के सभी पदाधिकारियों ने जीएसटी की दरें बढ़ाने पर आपत्ति जताई है। साथ ही केन्द्र सरकार से ईंट भट्टा स्वामियों की समस्याएं दूर कराने की मांग की है।
जीएसटी व कंपोजिशन बढ़ाने का विरोध
ईंट भट्ठा मालिकों का कहना है कि पहले ईंट पर पांच प्रतिशत जीएसटी और 1 प्रतिशत कंपोजिशन टैक्स लागू था, जिसे अब बढाकर क्रमश: 12 व 6 प्रतिशत कर दिया गया है। इस वजह से देशभर के ईंट भट्ठा संचालक विरोध कर रहे हैं।
पांच प्रतिशत जीएसटी व एक प्रतिशत कंपोजिशन की है मांग
भट्ठा संचालकों ने केन्द्र सरकार से पहले की तरह पांच प्रतिशत जीएसटी एवं एक प्रतिशत कंपोजिशन की मांग रखी है। उनका कहना है कि कोयले के दाम बढ़ जाने से 12 प्रतिशत जीएसटी की अदायगी बहुत मुश्किल है।
शामली में हैं 150 भट्टे , तीन लाख लोग कर रहे काम
शामली जनपद में करीब 150 ईंट भट्ठा संचालित है। इन भट्ठों से करीब तीन लाख से अधिक लोगों को कारोबार मिला हुआ है। ईंट पथाई,ईंट पकान और ईंट धुलाई आदि का बड़े पैमाने पर है। यहां पर स्थानीय लोगों के अलावा हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश तक लोग काम कर रहे हैं। मार्च से लेकर जून तक सबसे ज्यादा काम होता है।
वर्तमान में ईंट का रेट पांच हजार रुपये प्रति हजार
इस समय भट्ठे पर ईंट का रेट प्रति हजार पांच हजार रुपये है। यदि जीएसटी 12 प्रतिशत से कम नहीं हुआ तो ईंट के दाम भी बढ़ने स्वभाविक है। ईंट भट्ठा समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र मलिक का कहना है कि कोयले के दाम में ढाई गुणा बढ़ोत्तरी, मजदूरी और टैक्स बढ़ने की वजह से ईंट के दामों में भी इजाफा देखने को मिलेगा।