लखनऊ. पिछले कुछ दिनों से राशन कार्ड सरेंडर और अनाज वसूली की खबरों ने लोगों को परेशान कर रखा है. अगर आप भी इस तरह के कोई मेसेज पढ़े हैं या इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि कही सरकार आपसे वसूली तो नहीं करेगी? तो अब निश्चिन्त जो जाएं. दरअसल, दो महीने पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यूपी की योगी सरकार की तरफ से अपात्र राशन कार्ड धारकों से कार्ड सरेंडर करवाया जा रहा है और वसूली भी की जा सकती है, साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. सरकार ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है.
सरकार ने इन अफवाहों पर लगाम देते हुए का है कि यह खबर लाभर्थियों के बीच तेजी से फैली और कई जिलों में राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए लोगों की लाइनें लग गईं. लेकिन सरकार की और से राशन कार्ड को सरेंडर करने या रद्द करने पर कोई आदेश नहीं दिया गया है.
राज्य के खाद्य आयुक्त ने बताया कि सरकार ने यह आदेश दिया कि इस तरह का आदेश किसने दिया, इसका पता लगाया जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. सरकार के इस ताजा आदेश के बाद उन फ्री राशन का लाभ पाने वालों ने राहत की सांस ली है.
राज्य के खाद्य आयुक्त ने कहा कि राशन कार्ड वेरिफिकेशन सामान्य प्रक्रिया है. यह सरकार की तरफ से समय-समय पर हमेशा ही किया जाता है. राशन कार्ड सरेंडर और पात्रता की नई शर्तों से जुड़ी भ्रामक रिपोर्ट मीडिया में प्रसारित हो रही है. ऐसे में लोगों को इन खबरों से दूर रहना चाहिए.
दरअसल, घरेलू राशन कार्डों की ‘पात्रता / अपात्रता मानदंड 2014’ में निर्धारित किया गया था. उसके बाद कोई परिवर्तन नहीं किया गया. इसके अलावा साल 2011 की जनगणना के आधार पर ही राशन कार्ड का आवंटन हुआ है. राशन कार्ड धारक को (Ration Card Holder) पक्का घर होने, बिजली कनेक्शन या एकमात्र हथियार लाइसेंस धारक या मोटर साइकिल मालिक होने और मुर्गी पालन / गाय पालन में लगे होने के आधार पर अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता. इसके लिए सरकार ने आपका पक्ष साफ़ कर दिया है.
इतना ही नहीं लोगों में वसूली को लेकर डर भी पैदा हो गया था, जिस पर सरकार ने कहा है कि (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अनुसार अपात्र कार्डधारकों से वसूली का किसी तरह का प्रावधान नहीं है. शासन स्तर या खाद्य आयुक्त कार्यालय से वसूली से जुड़ा कोई आदेश जारी नहीं किया गया. ऐसे में अगर आप भी फ्री राशन के लाभार्थी हैं तो आपको अब घबराने की जरूरत नहीं है.