अयोध्या. हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 3 मार्च को मनाया जाएगा. इसी दिन आमलकी एकादशी भी है, जिसमें आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है. इसके साथ इसी दिन भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान विष्णु की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस साल रंगभरी एकादशी के दिन सौभाग्य शोभन और सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ महायोग बन रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस दिन कुछ खास उपाय करने से तरक्की की बाधा, आर्थिक तंगी और रिश्तों की समस्या से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं उपाय.
अयोध्या के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस बार रंगभरी एकादशी के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दौरान विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही बताया कि जो लोग आर्थिक तंगी या फिर रिश्तों की खटास से जूझ रहे हैं, वह भगवान शिव के मंत्रों का जप करें. इसके साथ बेलपत्र अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के मुताबिक, रंगभरी एकादशी के दिन देवाधिदेव महादेव की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करनी चाहिए. बेलपत्र और सफेद चंदन भगवान शिव के शिवलिंग पर अर्पित करने के साथ अबीर और गुलाल भगवान शिव को अर्पित करें. इस दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करें. शिव चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं.
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के मुताबिक, रंगभरी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर दूध और जल अर्पित करने के साथ धूप और दीप जलाएं. शांय काल में पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें. देवी देवताओं से सच्ची श्रद्धा से आशीर्वाद मांगें. ऐसा करने से आर्थिक तंगी की समस्या दूर होगी.
अयोध्या के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि ने बताया कि रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा आराधना करनी चाहिए. भगवान विष्णु, माता पार्वती और देवाधिदेव महादेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए. इस दिन गरीब असहाय लोगों को अन्य वस्त्र आंवला दान करना चाहिए. इसके साथ शांय काल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंदिर में दीपक अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपया बनेगी. धन आने के नए रास्ते खुलेंगे.