एजुकेशन डेस्क. फेसबुक के ओनर मेटा ने कंपनी में काम करने वाले इंडिया के कई टॉप अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके साथ ही अपनी सभी यूनिटों में भी छंटनी शुरू कर दी है। मेटा ने कंपनी में की जा रही छंटनी के तीन सेक्शन के लास्ट राउंड में अपने बिजनेस और दूसरी ऑपरेशनल यूनिट्स में एम्ल्याइज कम करने शुरू कर दिए हैं। इस बार की छंटनी भी 1000 कर्मचारियों को कम करने के ऐलान के तहत ही की गई है। इंडिया में मार्केटिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अविनाश पंत और मीडिया पार्टनरशिप के हेड साकेत झा भी कंपनी से बाहर हो गए हैं।
मार्केटिंग , साइट सिक्योरिटी, इंटरप्राइज इंजीनियरिंग, प्रोग्राम मैनेजमेंट और कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन जैसी टीमों में काम करने वाले करीब दर्जन भर कर्मचारियों ने नौकरी से निकाले जाने की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की है। करीब 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी के बाद मेटा बड़े पैमाने पर छंटनी के दूसरे दौर की घोषणा करने वाली पहली बड़ी टेक कंपनी बन गई है। 2020 औऱ 2021 के मुकाबले कंपनी की ओर से की जा रही छंटनी ने उसके हेडकाउंट का काफी नीचे धकेल दिया है।
ये मेटा को शेयर्स में भी बार कोई खास बढ़त नहीं मिली है। बेहद नॉमिनल प्रोफिट के साथ कंपनी के शेयर बंद हो गए। ऐसे में इस वर्ष इनके शेयर्स की प्राइस भी डबल हो गई है। उनका मूल्य दोगुने से भी अधिक हो गया है. एक्चुअल कॉस्ट में कटौती और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी मेटा के अधिक फोक्स के कारण सेल्स एंड प्रोडक्ट्स के मामले में भी मेटा का परफॉरमेंस अच्छा है।
मेटा के चीफ एक्जीक्यूटिव मार्क जुकरबर्ग ने मार्च में कहा था कि कंपनी के सेकेंड राउंड में फिर छंटनी का दौर चलेगा जो मई तक चलेगा। ऐसे में कटौती में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को तब भी राहत है। जुकरबर्ग ने प्रोफेशनल टीमों को फिर से रीऑर्गेनाइज करने पर जोर दिया है। इसके साथ ही जुकरबर्ग ने इंजीनियर्स को उसी रेशियों में दोबारा भर्ती करने की बात कही है