शामली : शामली में सीमा विस्तार के लिए भेजे गए मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव की आस जग गई है। शासन ने एमडीए के 53 गांवों को सीमा में शामिल करने के प्रस्ताव पर शासन ने आख्या मांगी है। इसके साथ ही राजस्व विभाग के रिकार्ड संबंधित दस्तावेज एवं उनमें दर्ज उक्त गांवों के नामों का विवरण मांगा है।
शामली जनपद बनने से पहले ही मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के अधीन है। वर्ष 1996 में एमडीए का गठन हुआ था। तब शामली भी मुजफ्फरनगर जिले कस्बा एवं तहसील हुआ करती थी। तब से ही एमडीए यहां काम कर रहा है। इसके बाद वर्ष 2011 में शामली मुजफ्फरनगर से अलग जिला भी बन गया। जिला बने भी 13 साल बीत गए लेकिन एमडीए की सीमा आज भी वहीं पुरानी चली आ रही है। जनपद बनने के बाद शामली शहर तेजी से फैल रहा है। कई गांव शामली शहर में आ गए है। चार नेशनल हाइवे शामली जिले होकर गुजर रहे है। इसके चलते शामली शहर से सटे गांवों में रियल स्टेट में जबरदस्त बूम आया है। बड़ी बड़ी कालोनियां विकसित हो रही है। इनका रकबा गांवों में ही पड़ता है। एमडीए चाहते हुए भी इन कॉलोनियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इन सब मामलों को देखते हुए एमडीए ने शामली में बाइपास एवं रिंग रोड एवं मुख्य कस्बों को भी सीमा विस्तार का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है। इस सीमा विस्तार में जिले की तीनों तहसीलों के 53 गांवों को शामिल किया गया है। इनमें शामली तहसील के 35 राजस्व गांव, कैराना के 16 ऊन तहसील के दो गांवों को शामिल किया गया है। अब शासन ने इस प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए एमडीए ने उक्त गांवों की राजस्व रिकार्ड संबंधी आख्या मांगी है।
एमडीए सीमा विस्तार में प्रस्तावित गांव
शामलीः मुडेंट, बधेव, कन्नूखेड़ा, खेडीकरमू, टिटोली, लिलीन, ताजपुर सिभालका, बरला जट, सोटा, बनत प्रथम एवं द्वितीय, गोहरनी, महरमपुर, करोडी सिक्का, सिलावर, धनैना, भैसवात प्रथम व द्वितीय, उमरपुर, हरड़ फतेहपुर, बनतीखेड़ा, बाबरी, बुटराहा, खेड़ी बैरागी, फतेहपुर, बलवा, कसेरखा कला, कसेरवा खुर्द, झाल, काबडौत, ब्रहमपुर खेड़ा, लुहारी पुर, पिंजोखरा, जसाता, समसपुर, जलालपुर शामिल है।
कैराना तहसील के गांव
खंदरावली, चकदुम्बा खेड़ी, अलीपुर, ऐरटी, मन्ना माजरा, जगनपुर, कडेला, गढ़ीशाईस्तपुर, बामनौली, शेखपुरा, रजाकनगर, जमालपुर, खेडी सत्लहा, गाजीपुर, बबूपुरा व ऊन तहसील के गांव टपराना व झिंझाना ग्रामीण शामिल है।