शामली में भूपेंद्र और उसके बेटे अर्जुन की हत्या की खबर से उनके पैतृक गांव छुर के लोग सदमे में आ गए। कंकरखेड़ा की न्यू सैनिक कॉलोनी में जहां भूपेंद्र का घर है वहां भी मातम छा गया। बुधवार देर रात तक भूपेंद्र की पत्नी दुर्गेश को इस दर्दनाक हत्याकांड का नहीं पता था। उसे परिजनों ने यही बताया था कि अर्जुन और भूपेंद्र का अपहरण हो गया है। हालांकि उनकी आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी को यह पता चल गया था।
भूपेंद्र सिंह और उनके बेटे अर्जुन की शामली में हत्या का मामला लखनऊ तक पहुंच गया। उधर, उनके गांव छुर के 200 ग्रामीण शामली में पहुंच गए। हत्यारोपी सिपाही विक्रांत कंकरखेड़ा स्थित न्यू सैनिक कॉलोनी में भूपेंद्र सिंह के मकान के पास ही किराये पर रहता था।
पुलिस के मुताबिक भूपेंद्र सिंह ने सेना में विक्रांत के भाई को भर्ती कराने के नाम पर रुपये ले लिए थे। नौकरी न लगने पर विक्रांत लगातार भूपेंद्र और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा था। इसके चलते भूपेंद्र व उनकी मां सुरेंद्र रुपये देने के लिए सिपाही के घर पहुंच गए। रुपये पूरे न देने पर सिपाही भड़क गया और मां-बेटे को बंधक बना लिया। बुधवार को भूपेंद्र से कॉल कराकर उसके इकलौते बेटे अर्जुन को भी शामली बुला लिया और दोनों की हत्या कर दी।
विक्रांत तीन बार भूपेंद्र के घर पर आकर धमकी दे चुका था। वह कहता था कि अगर रुपये नहीं लौटाए तो वह उसके पूरे परिवार का खात्मा कर देगा। इससे भूपेंद्र और उसका परिवार दहशत में था। मामला बिगड़ सकता है, इसको लेकर भूपेंद्र और उसकी मां सुरेंद्र मंगलवार को 50 हजार रुपये लेकर विक्रांत के घर पहुंचे थे।
शामली में हत्या
भूपेंद्र का अर्जुन इकलौता बेटा था। भूपेंद्र भी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा ही था। अर्जुन ने इसी साल कंकरखेड़ा स्थित आर्यन स्कूल से इंटर पास की थी। भूपेंद्र के एक बेटी शगुन है, जोकि कंकरखेड़ा स्थित एलए इंटर नेशनल स्कूल में कक्षा आठ की छात्रा है। वहीं देर रात रिश्तेदार भी कंकरखेड़ा में उनके आवास पर पहुंचे थे।
छुर गांव के ग्रामीणों ने बताया है कि भूपेंद्र करीब 15 वर्ष पूर्व गांव के घर को बेचने के बाद परिवार सहित कंकरखेड़ा के सैनिक विहार कॉलोनी में रहने लगा था। भूपेंद्र का गांव में अक्सर आना-जाना था। अबकी बार भूपेंद्र परिवार के साथ होली और दिवाली पर गांव नहीं गए थे। भूपेंद्र व उनके बेटे की हत्या की जानकारी पर ग्रामीणों में खलबली मच गई।
बताया गया है कि सिपाही विक्रांत और उसके परिवार ने पिता-पुत्र को बंधक बनाया हुआ था। पुलिस के मुताबिक बुधवार शाम को पंचायत में पिता-पुत्र को बैठाया हुआ था। पंचायत में भूपेंद्र ने विक्रांत को सारे रुपये जल्द लौटाने की बात कहीं थी। पंचायत में ही विक्रांत और उसके भाई ने पिता-पुत्र के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी और गोलियां चला दीं। पंचायत स्थल से थोड़ी दूरी पर पिता-पुत्र के शव मिले हैं।