सहारनपुर में एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने धमकी देने के मामले में कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन पर आरोप तय किए हैं। सरसावा थाने का घेराव करने के मामले में आरोप तय नहीं हुए। इसके लिए अदालत ने उन्हें 27 अप्रैल को तलब किया है।
विशेष लोक अभियोजक गुलाब सिंह ने बताया कि कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन के खिलाफ वर्ष 2018 में गंगोह कोतवाली में कस्बा गंगोह निवासी अरशद ने धमकी देने का मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि एक मुकदमे को लेकर सपा विधायक ने उसे फोन पर देख लेने की धमकी दी थी।
इसके अलावा वर्ष 2010 में सरसावा थाने का घेराव करने का भी मामला सरसावा थाने में सपा विधायक के खिलाफ दर्ज हैं। दोनों मुकदमे अब यहां एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहे है। दोनों मामलों में सोमवार को तारीख होने पर सपा विधायक नाहिद हसन अदालत में पेश हुए।
न्यायाधीश मयंक प्रकाश ने धमकी देने के मामले में सपा विधायक पर आरोप तय किए, जबकि सरसावा थाने के घेराव में मामले में सभी नौ आरोपी पेश नहीं हो सके, जिस कारण इस मुकदमे में उन पर अभी आरोप तय नहीं हो सके। अदालत ने इसके लिए सपा विधायक सहित सभी आरोपियों को आगामी 27 अप्रैल को स्वयं पेश होने के आदेश दिए हैं।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि धमकी देने के मामले में सपा विधायक पर आरोप तय होने पर यह मुकदमा ट्रायल पर आ गया है। इसमें भी आगामी तारीख 27 अप्रैल नियत की गई है।
सहारनपुर अधिवक्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि धमकी देने के मामले की धारा 506 में अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है। यदि दोष सिद्ध होने पर किसी जनप्रतिनिधि को तीन साल की सजा मिलती है तो उस जनप्रतिनिधि की विधानसभा से सदस्यता खत्म हो जाएगी।