नई दिल्ली. जेल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में खुंखार अपराधियों समूह आने लगता है. जेल की प्रताड़ना और वहां होने वाली कठिनाइयां जैसा तमाम दुश्वारियां आंखो के सामने से गुजर जाती हैं. ऐसे में वर्षों से हमारे समाज में यह मान्यता चली आ रही है कि कुंडली में अगर आपके जेल जाने का योग है तो ‘जेल की रोटी और नमक खाने से यह कट जाएगा. जेल जाने के योग को टालने के लिए लोग जेल की रोटी खाने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते हैं, लेकिन अब इच्छा रखने वाले लोगो की दुविधा जल्द खत्म होगी.
जेल विभाग उत्तर प्रदेश के 10 जिला जेलों के उत्पाद की बिक्री के साथ ही आउटलेट पर रोटियां भी बेचने जा रहा है. प्रदेश भर में कुल 73 जेल हैं. पहले चरण में सेंट्रल जेल फतेहगढ़, आगरा, वाराणसी, बरेली और नैनी होगें. इसके अलावा जिला जेल गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा होगें. साथ ही मॉडल जेल लखनऊ के आउटलेट पर रोटी मिलेगी. इन जेलों में रोटी बेचने की सफलता मिलने के बाद अन्य जिलों की जेलों में भी यह व्यवस्था शुरू की जाएगी.
जेल की रोटी की बिक्री से आने वाले रुपए जेल विभाग की जरूरती में लगाए जाएंगे. जिस जेल की रोटी बेची जाएगी उन जेलों के कैदी और बंदी जेल के अंदर रोटियां बनाएंगे. इसके बाद यह रोटियां जेल के आउटलेट पर प्रतिदिन पहुंचा कर बेची जाएंगी. अभी रोटी के मूल्य आदि तय नहीं किए गए हैं, लेकिन जल्द ही जेल विभाग बैठक कर रोटी का रेट यह तय करेगा. डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि पहले चरण में 10 जेलों में जेल की रोटी बिक्री की व्यवस्था शुरू की जा रही है. सफल होने पर अन्य जेलों में भी इसकी शुरुआत होगी.