नई दिल्ली. देश के नागरिकों को अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में सरकार को देना पड़ता है. यदि टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको अपनी सैलरी पर इनकम टैक्स देना ही ना पड़े तो आप 10-30 फीसदी तक अधिक बचत कर पाएंगें. जरा सोचिए अगर आपको अपनी इनकम पर कोई टैक्स न भरना हो तो कितनी राहत की बात होगी. क्योंकि इनकम टैक्स का बोझ हर सैलरीड क्लास पर होता है. अक्सर लोग टैक्स बचाने के लिए तरह-तरह की सेविंग्स स्कीम में निवेश करने या अपनी आय को किसी तरह करने दिखा में लगे रहते हैं. लेकिन ये जानकर आपको हैरानी जरूर होगी कि देश का एक ऐसा भी राज्य है जहां लोगों की कमाई चाहे जितनी भी हो लेकिन उन्हें 1 भी रुपया टैक्स के रूप में भुगतान नहीं करना पड़ता है.
आज हम आपको देश के एक ऐसे ही राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के मूल निवासियों को इनकम टैक्स में छूट राहत दी गई है. दरअसल, भारत में केवल एक ही राज्य है, जहां के नागरिकों को इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता है. इस राज्य का नाम है सिक्किम. जी हां, सिक्किम के मूल निवासियों को सालों से इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है. इसके अलावा, देश के सभी लोगों को अपनी कमाई के हिसाब से इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स चुकाना होता है.
अब आप ये जरूर जानान चाहेंगे कि आखिर सिक्किम राज्य में रहने वाले लोगों को इनकम टैक्स में ये बड़ी राहत क्यों दी गई है. सिक्किम राज्य कोअनुच्छेद 371-F के तहत विशेष राज्यों का दर्ज प्राप्त है. आपको बता दें कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में शामिल इस राज्य के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम की धारा, 1961 की धारा 10 के तहत इनकम टैक्स में छूट दी है. यही वजह है कि यहां रहने वाले लोगों को अपनी आय पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है.
पहले सिक्किम में इनकम टैक्स पर मिलने वाली छूट उन सीमित लोगों के लिए थी, जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट था. लेकिन 1989 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयकर अधिनियम के तहत मिलने वाली छूट में अन्य लोगों को भी शामिल किया गया. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सिक्किम के लगभग 95 फीसदी लोग इनकम टैक्स छूट के दायरे में आ गए हैं.