हाथऱस। सरकार कई वर्ष से किसानों को सम्मान निधि दे रही है। किसानों के बैंक खाते में हर साल तीन किस्तों में छह हजार रुपये डाले जाते हैं। इस योजना में मिलने वाला पैसा अब e-KYC करवाने के बाद ही मिलेगा, जिसके लिए पीएम किसान के online portal पर जाकर अपनी जानकारी भरनी होगी। अन्नदाता को सरकारी सम्मान पाना है तो किन बातों का ध्यान रखना है।
सिर्फ पांच दिन का मौका : सरकार की ओर से किसानों को दी जा रही Samman Nidhi के लिए इस बार ई-केवाइसी जरूरी कर दिया गया है। जनपद में 68,672 ऐसे किसान हैं जिन्होंने अभी तक ई-केवाइसी नहीं कराई है। इन सभी ने 25 अगस्त तक online portal पर जाकर ई-केवाइसी की प्रक्रिया पूरी नहीं की तो सम्मान निधि की अगली किस्त फंस सकती है। सिर्फ पांच दिन का मौका है।
1,21,162 किसान सम्मान निधि का लाभ पा रहे हैं जिले में।
68,672 को सम्मान निधि बचाने को करानी होगी केवाइसी।
8,998 लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं सोशल आडिट के दौरान।
2,478 नए लाभार्थियों को पात्रता सूची में शामिल किया गया।
2,000 की हर तिमाही किस्त जाती है किसान के खाते में।
966 कर्मचारियों को लगाया गया था सोशल आडिट करने में।
10,000 रुपये या उससे अधिक की पेंशन वाले अपात्र।
500 अपात्र लोग पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे।
50 अपात्र किसानों ने ही धनराशि लौटाई है सम्मान निधि की।
60 ग्राम पंचायतों के सर्वे के दौरान सामने आए थे अपात्र किसान।
कब शुरू हुई थी सम्मान निधि
24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लघु एवं सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की थी।
दो हेक्टेयर से कम जोत वाले के लिये ही शुरू की गई थी योजना।
31 मई 2019 को कैबिनेट के निर्णय के उपरांत सभी किसानों के लिए लागू कर दी।
75 हज़ार करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आता है देश में सम्मान निधि देने में।
8998 लाभार्थी अपात्र, होगी वसूली : इन आंकड़ों को देखकर अफसर हैरान हैं। अब इन अपात्रों द्वारा अब तक इस योजना के तहत ली गई धनराशि का पूरा ब्योरा निकाला जा रहा है। इसके आधार पर उनसे इस धनराशि की वसूली की जाएगी।
ऐसे किसान परिवार जिनके घर में पहले से या वर्तमान में किसी शख्स के पास संवैधानिक पद हो।
सांसद व विधायक भी इस योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं।
राज्य विधान परिषद के सदस्यों के परिवार, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष।
केंद्र या राज्य सरकारों, कार्यालयों और विभागों के वर्तमान या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी।
केंद्र या राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और संबद्ध कार्यालयों या केंद्र के तहत स्वायत्त संस्थानों के वर्तमान या पूर्व अधिकारी।
स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी।
वे पेंशनभोगी जो 10,000 रुपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं।
इनका कहना है
किसानों से अनुरोध किया गया है कि जो भी किसान से रह गए हैं वे ई-केवाइसी करा लें क्योंकि वक्त बहुत कम रह गया है। 25 अगस्त आखिरी तारीख है। इसके बाद जो किसान रह जाएंगे उनको सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाएगा।