मुजफ्फरनगर। जनपद में मेरठ, सहारनपुर तथा मुरादाबाद मंडल के 14 जिलों के प्रधानाचार्यों की बडी बैठक हुई। बैठक में कईं विषयों पर गंभीर चर्चा हुई।
प्रधानाचार्यों के सम्मेलन में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा में चुनौतियां और संभावना, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की योजना, शिक्षक के विकास में प्रधानाचार्य की भूमिका समेत अन्य बिंदुओं पर मंथन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक अनिल कुमार ने कहा कि विद्या भारती का उद्देश्य ज्ञानवान, संस्कारवान और चरित्रवान नागरिकों का निर्माण करना है।
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की जन शिक्षा समिति की ओर से संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूलों के प्रधानाचार्यों का सम्मेलन हनुमतधाम सरस्वती विद्या शुकतीर्थ में कराया गया। विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू ने कहा कि इन विद्यालयों से वर्तमान चुनौतियों को स्वीकार करते हुए श्रेष्ठ भारत के निर्माण को सुनिश्चित करना है।
भारतीय शिक्षा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने कहा कि जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए विद्यालयों से प्राप्त संस्कारों को अपनाते हुए जीवन को सार्थक बनाएं और कुछ ऐसा करें की विश्व में जय जयकार्र हो। विद्याभारती के क्षेत्रीय मंत्री लक्ष्मण सिंह विष्ट ने कहा कि विद्यार्थियों में स्व की भावना उत्पत्त हो वह पर्यावरण, जल प्रबंधन जैसे विषयों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करें।
विद्या भारती के 172 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सहारनपुर, मेरठ और मुरादाबाद मंडल के 14 जिलों के लिए कार्यशाला हुई। जनशिक्षा के प्रदेश अध्यक्ष चरणपाल सिंह तोमर, प्रदेश निरीक्षक हेमराज सिंह, रविंद्र सिंह, ओमकार सिंह, प्रमोद कुमार का विशेष सहयोग रहा।