मुजफ्फरनगर । अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी सहित परिजनों को अदालत से बड़ी राहत मिल गई है। अरसे से वादिया के अदालत में हाजिर नहीं होने पर अंतिम रिपोर्ट को मंजूर किया गया है।
बॉलीवुड के कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनके परिजनों पर लगाए आरोपों के संबंध में अदालत ने थाने की अंतिम रिपोर्ट को मंजूर कर लिया है। वादिया अरसे से अदालत में हाजिर होकर पक्ष नहीं रखने के कारण अपर विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रितेश सचदेवा ने पत्रावली पर आदेश पारित कर दिया।
वर्ष 2020 में बुढ़ाना निवासी फिल्मी दुनिया के नामचीन अभिनेता और उसके परिजनों के खिलाफ वादी आलिया ने मारपीट आदि की गंभीर धाराओं में मुंबई के वर्सोवा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की विवेचना मुजफ्फरनगर के थाना बुढ़ाना कोतवाली में ट्रांसफर हो गई थी। तफ्तीश के बाद पुलिस ने आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी। मुकदमे में वादिया का पति नवाजुद्दीन सिद्दीकी, देवर मिनाजुद्दीन, फैयाजुद्दीन और अयाजुद्दीन, सास मेहरुनिशा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
सहायक शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह पुंडीर ने बताया अदालत ने पुलिस की फाइल रिपोर्ट पर वादिया आलिया का पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किए। लेकिन वह अदालत में हाजिर नहीं हुईं और ना कोई आपत्ति दाखिल की। वादिया के लगातार उपस्थित नहीं होने पर अदालत ने फाइनल रिपोर्ट को मंजूर कर लिया।
वर्ष 2012 में जब पीड़िता बुढ़ाना स्थित अपनी ससुराल आई थी। आरोप था कि उसके देवर मिनाजुद्दीन ने उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की और पति ने उसे पुलिस से शिकायत नहीं करने दी। अगस्त 2020 में मुंबई के वर्सोवा थाने से दर्ज कराई एफआईआर बुढ़ाना थाना शिफ्ट हो गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी के विरुद्ध स्टे कर दिया था। नवाजुद्दीन की पत्नी विगत 16 अक्तूबर 2020 को मुकदमे के तत्कालीन विवेचक वीर नारायण सिंह के साथ अदालत पहुंची थी।