मेरठ। गुरुवार की रात जली कोठी के पूर्वा अहमद नगर में कामिल और सुएब पक्ष में पशु कटान की मुखबिरी के शक में बवाल हो गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर धारदार हथियार से वार कर कांच की बोतले फेंकी। आधा घंटा तक जमकर पथराव हुआ, जिसमें दोनों तरफ से नौ लोग घायल हो गए थे। सभी घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। उनमें से छह घायलों को उपचार दिलाने के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से एक-एक और एक मुकदमा अपनी तरफ से दर्ज किया। यानि तीन मुकदमे संगीन धाराओं में दर्ज किए गए है।
जली कोठी खूनी संघर्ष
जली कोठी खूनी संघर्ष के मामले में दरोगा हरेंद्र सिंह की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमे में 13 आरोपियों को नामजद और बाकी 15-20 को अज्ञात में आरोपी बनाया है। बलवा, सरकारी काम में बाधा, गाली गलौज, गंभीर प्रवृत्ति का हमला, कातिलाना हमला, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस ने रहीस, जुनैद, जुबैर, तालिब, राजू, साहिल, साजिद, आमिर, कामिल, आकिल, बिलाल, अफजाल, इकबाल को नामजद किया है। इसके अलावा 15-20 अन्य अज्ञात को आरोपी बनाया है। इनमें से छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को इन्हीं आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेजा गया है। वहीं बाकी दोनों मुकदमे दोनों पक्ष की और से एक दूसरे के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। इस मामले में भी पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आरोपियों के घर पर दबिश दी जा रही है। हालांकि कई आरोपी फरार हो गए हैं।
पुलिस की लापरवाही की बैठी जांच
एक माह पहले पकड़े पशु कटान के मामले में दोनों पक्षों में लगातार कहासुनी हुई है। पुलिस ने उसके बाद भी मुचलका पाबंद की कार्रवाई तक नहीं की। उससे भी हैरत की बात है कि सुएब के जेल से छूटकर आने के बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। पूरे प्रकरण में देहलीगेट पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है। एसएसपी रोहित सजवाण का कहना है कि पटेल नगर चौकी इंचार्ज के खिलाफ भी रिपोर्ट मांगी गई है। एक महीने से दोनों पक्षों में मारपीट होने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की। उसके बाद अस्पताल में भी दोनों पक्ष पुलिस के सामने ही भिड़ गए। तब भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है।