यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन चला रहा रूस अब तक राजधानी कीव पर कब्जा नहीं कर पाया है. उसने अब यूक्रेन को झुकाने के लिए अपने भंडार से बेहद खतरनाक हथियारों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है.
दुनिया की सबसे खतरनाक हाइपरसोनिक मिसाइल
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसने पिछले 24 दिनों से जारी युद्ध में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है. इस हाइपरसोनिक मिसाइल का नाम ‘किंजल’ या डैगर है. मॉस्को का दावा है कि उसकी ‘किंजल’ मिसाइल दुनिया में अजेय है. अगर वह एक बार लॉन्च हो जाए तो दुनिया का कोई भी एयर डिफेंस उसे नहीं रोक सकता.
यूक्रेन का अंडरग्राउंड हथियार गोदाम हुआ तबाह
रिपोर्ट के अनुसार रूस का कहना है कि उसने शुक्रवार को इलाके में बने यूक्रेन के अंडरग्राउंड हथियारों के गोदाम पर किंजल मिसाइल से हमला कर तबाह कर दिया. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यूक्रेन का यह हथियार गोदाम इलाके के गांव में बना था. यूक्रेन ने इस गोदाम में भारी मात्रा में गोला-बारूद छिपाकर रखा था. रशियन इंटेलिजेंस ने इस गुप्त गोदाम का पता लगाया और फिर किंजल मिसाइल से हमला कर उसे तबाह कर दिया.
आवाज से भी 10 गुणा ज्यादा तेज स्पीड
सूत्रों के मुताबिक करीब एक महीने से जारी युद्ध में रूस ने पहली बार अपने इस खतरनाक हथियार को यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किया है. हालांकि यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस सीरिया में आईएसआईएस आतंकियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर ट्रायल कर चुका था. किंजल मिसाइल इतनी खतरनाक है कि यह आवाज की गति से करीब 10 गुणा ज्यादा तेजी से उड़ती है और दुनिया में मौजूद किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए इसे नीचे नहीं गिराया जा सकता. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस मिसाइल को रूस के लिए एक आदर्श हथियार कहा था.
1250 मील तक कर सकती है मार
किंजल एक परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल है. हालांकि यूक्रेन के गोदाम पर जिस मिसाइल ने हमला किया था, उस पर परमाणु बम नहीं था. रूस का कहना है कि यह मिसाइल 1250 मील तक मार कर सकती है और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के पास इस मिसाइल का कोई तोड़ नहीं है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले महीने पश्चिमी देशों को स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने यूक्रेन मामले में टांग अड़ाई तो उनके पास जवाब देने के लिए किंजल जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों का जखीरा मौजूद है.
यूक्रेन पर फूट रहा रूस का गुस्सा
बताते चलें कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकने के लिए रूस ने उसके खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन चला रखा है. इस ऑपरेशन को 24 दिन हो चुके हैं लेकिन रूस अब तक यूक्रेन की राजधानी कीव को अपने कब्जे में नहीं ले पाया है और न ही उसके हथियारों के जखीरे को खत्म कर पाया है. इससे परेशान होकर रूस ने अब यूक्रेन के खिलाफ अपने खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
खारकीव पर किया था वैक्यूम बम का इस्तेमाल
यूक्रेन पर किंजल मिसाइल दागने से पहले रूस ने उसके खिलाफ वैक्यूब बम का इस्तेमाल किया था. उसने यह बम यूक्रेन के दूसरे बड़े शहर खारकीव में गिराया था. यह बम इलाके में ऑक्सीजन खत्म करके लोगों के फेफड़े फेल कर देता है, जिससे दुश्मन की तड़प-तड़प कर मौत हो जाती है. इसके बाद उसने पोलैंड सीमा से सटे यूक्रेन के Lviv शहर में एयरफील्ड पर शुक्रवार को 4 क्रूज मिसाइलें दागी. ये मिसाइलें वारहेड को मिलाकर करीब 1,600 किलोग्राम वजनी थी और उन्हें 400 मील से अधिक दूरी से दागा जा सकता है.