Shani Vakri 2023। हिंदू ज्योतिष में शनिदेव की चाल हर राशि के जातकों को प्रभावित करती है। शनिदेव को दुख, रोग, लोहा, और सेवक आदि का कारक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सभी 9 ग्रहों में शनि ग्रह की चाल सबसे धीमी होती है और वे हर राशि में करीब ढाई समय रहते हैं। शनिदेव को एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। इसे ही शनि की साढ़े साती और ढैय्या कहा जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है और हर जातक को कर्म के अनुसार ही फल देते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक शनि कुंभ राशि में 17 जून 2023 की रात 10.48 मिनट पर शनि कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे। शनि देव 4 नवंबर सुबह 8.26 मिनट तक इस अवस्था में रहेंगे।
मेष राशि वाले शनि की वक्री अवस्था के दौरान सेहत से जुड़ी परेशानी झेल सकते हैं। कार्यस्थल पर काम का भार हो सकता है। शारीरिक और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। शनि की वक्री चाल व्यापारी वर्ग को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी। परिवार में भी तनाव हो सकता है।
Rohini Effect: सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश, इन राशियों की चमकेगी किस्मत, होगी तरक्की
Rohini Effect: सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश, इन राशियों की चमकेगी किस्मत, होगी तरक्की
कर्क राशि वालों के लिए शनि आठवें भाव में वक्री हो रहे हैं और यह परेशानी का कारण बन सकता है। कर्क राशि वाले जातकों के लिए शनि की वक्री अवस्था शुभ नहीं कही जा सकती है। कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है और सेहत भी खराब हो सकती है। अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
तुला राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होना संकट लेकर आ सकता है। नौकरी में बदलाव हो सकता है लेकिन बहुत ज्यादा लाभ नहीं होगा। मौजूदा समय में जहाँ आप नौकरी कर रहे हैं, वहां आपको भविष्य में लाभ मिलने की संभावना है। अपनी माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। परिवार में तनाव हो सकता है। वाहन सावधानी से चलाएं।
शनि देव कुंभ राशि में वक्री हो रहे हैं और इसलिए कुंभ राशि वाले जातकों को मानसिक व पारिवारिक तनाव झेलना पड़ सकता है। बिना सोचे-समझे फैसला लेने से बचें। कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले घर के बड़े बुजुर्गों से सलाह जरूर लें क्योंकि बाद में आप उस फैसले पर पछतावा हो सकता है। वैवाहिक जीवन में भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है।
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’