नई दिल्ली। टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जिसका अगर वक्त पर इलाज नही किया जाए तो ये शरीर को अंदर से पूरी तरह तोड़कर रख देता है. हर साल 24 मार्च को ‘वर्ल्ड ट्यूबरकुलोसिस डे’ मनाया जाता है, जिसका मकसद इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है. हर साल करोड़ों लोग इसके शिकार होते हैं, जिनमें से कई अपनी जान गंवा बैठते हैं. इसलिए इसके लक्षणों को वक्त पर पहचान लेना बेहद जरूरी है.
कुछ दशक पहले तक टीबी एक लाइलाज बीमारी थी, जिससे बच पाना नामुमकिन सा था, आज इसकी दवाइयों का काफी विकास हो चुका है, लेकिन शुरुआती दौर में इसका पता लगना जरूरी है. इसमें बैक्टीरिया का अटैक हमारे फेंफड़ों पर होता है. कई बार तो ये हमारे प्रजनन अंगों पर भी वार करता है जिससे इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है.
आमतौर पर टीबी उन लोगों को ज्यादा होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर है, इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक मेडिसिन दी जाती है. इसमें मरीज को हल्का बुखार आता है, फिर शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है, जिसके थकान की शिकायत बढ़ जाती है.
पहला स्टेज- इसमे बुखार, थकान और कफ निकलने की शिकायत होती है, ये भले ही दिखने में नॉर्मल लगे, लेकिन आपको तुरंत जांच करा लेनी चाहिए.
दूसरा स्टेज- इसे लेटैंट टीबी इंफेक्शन भी कहते हैं. इसमें हमारा इम्यून सिस्टम जर्म्स के आगे दीवार की तरह सामने खड़ा हो जाता है, लेकिन इसमें लक्षण नजर नहीं आते.
तीसरा स्टेज- अगर तमाम कोशिशों के बावजूद जर्म्स जिंदा रह गए तो फिर लंग्स में इंफेक्शन बढ़ने लगता है और शरीर के अन्य हिस्से भी प्रभावित होने लगते हैं.
टीबी के लक्षण
1. बुखार आना
2. सर्दी लगना
3. बहुत ज्यादा कफ निकलना
4. कफ में ब्लड आना
5. खांसने में तकलीफ होना
6. नॉर्मल मेडिसिन से कफ ठीक न होना
7. चेस्ट पेन होना
8. थकान होना
9. भूख की कमी
10. रात में पसीना आना