अस्पतालों के कई वॉर्ड ऐसे होते हैं जिसमें एक साथ दो मरीजों को रखा जाता है. उनके बेड अलग होते हैं, उनकी मशीनें भी अलग-अलग होती हैं. वो पूरी व्यवस्था इतनी जटिल होती है कि मरीजों का उसे समझ पाना नामुमकिन होता है. ऐसे में मरीजों को ये सख्त हिदायत दी जाती है कि वो किसी भी मशीन को खुद ना ऑपरेट करें, क्योंकि उससे समस्या खड़ी हो सकती है. ऐसी ही समस्या हाल ही में जर्मनी के एक अस्पताल में सामने आ गई जब एक महिला ने अपने हॉस्पिटल वॉर्ड में मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर को कर दिया.
डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार 73 साल की हौटुन सी जर्मनी के मैनहेम में एक अस्पताल में भर्ती थीं. उसी कमरे में हिलाल के नाम की एक 79 साल की महिला भी एडमिट थी. रात में हौटुन को अपनी पड़ोसी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडर से समस्या होने लगी. दरअसल, हिलाल का ऑक्सीजन सिलेंडर काफी शोर कर रहा था, जिसकी वजह से हौटुन को नींद नहीं आ रही थी. वो खुद भी बीमार थी तो उसने मशीन को बंद कर दिया. यूं तो उसने ये काम बिना किसी बुरी मंशा के किया था पर अगले दिन एक बड़ा हादसा हो गया.
हिलाल की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई. इसके बाद हौटुन पर जानबूझकर ऑक्सीजन बंद करने और महिला की हत्या करने का आरोप लगा. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और उसका 41 साल का बेटा एडिन अपनी मां को बचाने के लिए परेशान है. आपको बता दें कि ये घटना 30 नवंबर 2022 को घटी थी. बेटे ने बताया कि उसकी मां तुर्की में अपने पैत्रिक घर गई थी जहां वो कोविड की चपेट में आ गई. जब वो लौटी तो उसकी दिमागी हालत अस्थिर लग रही थी और तबीयत भी काफी खराब थी. इसके बाद महिला को अस्पताल में एडमिट किया गया था.
बेटे ने कहा कि उसकी बुजुर्ग मां सिर्फ शोर से परेशान हो रही थी, वो आराम करना चाहती थी पर आवाज की वजह से नहीं कर पा रही थी, इसलिए उसने ऑक्सीजन को बंद किया. उसने जानबूझकर बंद नहीं किया, ना ही वो दूसरी महिला को मारना चाहती थी. डेली मेल न्यूज वेबसाइट के अनुसार महिला 30 सालों तक टॉयलेट क्लीनर के तौर पर काम करती थी और उसके 5 बच्चे हैं. बेटे ने कहा कि महिला ने कभी कोई गलत काम नहीं किया और अब इस उम्र में उसे जेल का मुंह देखना पड़ रहा है.